डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता – हाथ में तिरंगा रहे…।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 277 – साहित्य निकुंज ☆
☆ हाथ में तिरंगा रहे… 🇮🇳🇮🇳☆ डॉ भावना शुक्ल ☆
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नहीं झुकेंगे हम कभी वतन का नेक विचार।
गूंज रहा संदेश यह करना भारत का उद्धार।
त्याग तपस्या प्रेम से इतिहास रचाइए।
हाथ में तिरंगा रहे, विजयी बनाइए।
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शब्द नहीं हमें बोलना देना, कर्म प्रमाण।
जन-जन की चेतना, जन मन में बलिदान
करना है संघर्ष हमें, सब में आस जगाइए
हाथ में तिरंगा रहे, विजयी बनाइए।
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भीड़ नहीं बनकर चलना, बने दीप की शान
अंधकार में जल उठे, भारत माँ की आन
पावन धरा की गोद में इतिहास बनाइए।
हाथ में तिरंगा रहे, विजयी बनाइए।
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जय हिन्द… 🇮🇳🇮🇳
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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