सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर पर्सन हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम प्रेरक गीतललकार

? रचना संसार # 48 – गीत – ललकार…  ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

दमन करें रिपुओं का हरदम ,

मान मर्द कर ललकारें।

घर में बैठे जयचंदों को ,

निष्कासित कर दुत्कारें।।

 *

वीर शिवा के हम हैं वशंज,

फैला तिमिर हटाना है।

विपदाओं को दूर भगाकर,

संकट हमें मिटाना है।।

तोड़ धर्म की सब दीवारें,

रूठों को चल पुचकारें।

 *

दमन करें रिपुओं का हरदम,

मान मर्द कर ललकारें।।

 **

राग-द्वेष या भेदभाव हो,

हिय से दूर भगाना है।

समरसता का दीप जला ,जग,

ज्योतिर्मान बनाना है।।

संयम से निज को विजित करो ,

होगीं फिर तो जयकारें।

 *

दमन करें रिपुओं का हरदम,

मान मर्द कर ललकारें।।

 **

चारित्रिक उत्थान जगत में ,

राम-राज्य ले आएगा।।

स्वर्णिम आभा नव प्रभात की,

व्योम अमिय बरसाएगा।

सकल विश्व में गूँजेंगी तब

सुख की निशदिन किलकारें।

 *

दमन करें रिपुओं का हरदम,

मान मर्द कर ललकारें।।

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected], [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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