श्री राकेश कुमार

(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ  की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” ज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)

☆ आलेख # 130 ☆ देश-परदेश – दुल्हन वही जो पिया मन भाए ☆ श्री राकेश कुमार ☆

सत्तर के दशक में इस नाम से एक फिल्म आई थी। समय हमेशा की तरह बदलता रहता है। शताब्दी पूर्व तो घर के बड़े पुरुष ही विवाह तय कर दिया करते थे। पचास के दशक से घर की बड़ी महिलाएं भी बच्चों के विवाह तय करने में अपनी दलीलें देने लगी थी। शिक्षा का प्रसार बढ़ा, तो सत्तर के दशक से विवाह पूर्व भावी वर और दुल्हन की राय भी पूछी जाती थी। समाज में समय के चलन को देखते हुए “दुल्हन वही जो पिया मन भाए” फिल्म बना कर, एक संदेश भी था, कि लड़के और लड़की को भी एक दूसरे को एक बार तो मिलना ही चाहिए।

समय की करवट के साथ इक्कीसवीं सदी में प्रवेश करने पर विवाह पूर्व भावी जोड़े अनेकों बार मिलने लग गए थे। फोन पर घंटों बातें कर या पत्राचार के माध्यम से भी एक दूसरे को पहचानने के प्रयास होते आ रहे हैं। लड़कियां विगत तीन दशकों से अधिक समय से अपने घर से बहुत दूर और विदेश तक में नौकरी करने लग गई हैं। “लिव इन रिलेशन” जैसे संबंध, विवाह जैसे पवित्र सामाजिक संस्कार का विकल्प बन कर उभर रहा है।

विवाह को परिवार द्वारा तय किए जाने का चलन अभी भी अस्सी प्रतिशत से अधिक है। प्रेम विवाह को आजकल “अंतरजातीय विवाह” की संज्ञा दी जाती है। वर्तमान में विवाह भी  नए प्रकार हो चले हैं, कुछ निम्नानुसार हैं:-  

  1. Companionate Marriage.
  2. Living Apart Together Marriage.
  3. Open Marriage.
  4. Marriage of Convenience.
  5. Renewable Contracts.

उपरोक्त विवाह के प्रकार जानकर तो ऐसा लगा, जैसे “इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1872 ” में दिए गए, भागीदारी के विभिन्न प्रकार हों। वैसे विवाह भी तो एक भागीदारी ही है। हमे तो पांच दशक से इंतजार है, जब बॉलीवुड “दूल्हा वही जो प्रियतमा मन भाए” के नाम से फिल्म बनाएगा।

© श्री राकेश कुमार

संपर्क – B 508 शिवज्ञान एनक्लेव, निर्माण नगर AB ब्लॉक, जयपुर-302 019 (राजस्थान)

मोबाईल 9920832096

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments