सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर पर्सन हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम गीत चलते रहिए

? रचना संसार # 26 – गीत – चलते रहिए…  ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

पाना तुमको लक्ष्य अगर तो,

निशिवासर  चलते रहिए।

 दूर बहुत मंजिल  है तो क्या ,

 आगे ही बढ़ते रहिए।।

 **

उदित जगत में नव रवि होगा,

काली रजनी बीतेगी ।

प्रेम दीप फिर नए जलेंगें,

तम की गागर रीतेगी।।

जग कल्याण करो अब मानव,

घातों से बचते रहिए।

 *

पाना तुमको लक्ष्य अगर तो,

निशिवासर चलते रहिए।।

 **

चिंतन मनन करो निशदिन ही,

निज मंजिल की आस रखो।

व्यंग वाण से मत घबराओ ,

खुद  पर तुम विश्वास रखो।।

बिन संघर्ष नहीं कुछ हासिल

नवल सृजन रचते रहिए,

 *

पाना तुमको लक्ष्य अगर तो,

निशिवासर चलते रहिए।।

 **

करो भीष्म सी आज प्रतिज्ञा,

अर्जुन लक्ष्य करो धारण।

जीत मिलेगी निश्चित तुमको,

सत्य सुभग मन के कारण।।

शौर्य वीरता दिखलाकर के,

धर्म युद्ध लड़ते रहिए।

 *

पाना तुमको लक्ष्य अगर तो,

निशिवासर चलते रहिए।।

 **

तोड  चक्रव्यूहों को तुम अब,

विजय पताका लहराओ।

ऊँचा होगा नाम जगत में

तारे नभ से  ले आओ।।

संदल जैसे सुरभित हो कर,

सबके हिय म़े बसते रहिए।

 *

पाना तुमको लक्ष्य अगर तो,

निशिवासर चलते रहिए।।

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected], [email protected]

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकश पाण्डेय ≈

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