डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम रचना “शिक्षित होती बेटियाँ।) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 150 – साहित्य निकुंज ☆

👮‍♀️ शिक्षित होती बेटियाँ 👮‍♀️  

बेटी देखो पढ़ रहीं,

 पाती हैं वह ज्ञान।

पढ़ लिखकर वे बन रहीं,

एक नेक इंसान।।

 

बस्ता भारी टाँगकर,

जाती शाला रोज।

खेल खेल में सीखती,

जीवन की हर खोज।।

 

शिक्षित होती बेटियाँ,

हुआ शिक्षित समाज।

घर आंगन को देखती,

बिटिया घर की लाज।।

 

शिक्षित बेटी आजकल,

दे रही संस्कार।।

 उसके अपने ज्ञान से,

शिक्षित है परिवार।।

 

शिक्षा सबके जीवन में,

लाती अमृत विचार।।

बेटी की शिक्षा उसके,

जीवन का उपहार।।

 

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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