श्री मच्छिंद्र बापू भिसे

(श्री मच्छिंद्र बापू भिसे जी की अभिरुचिअध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ साहित्य वाचन, लेखन एवं समकालीन साहित्यकारों से सुसंवाद करना- कराना है। यह निश्चित ही एक उत्कृष्ट  एवं सर्वप्रिय व्याख्याता तथा एक विशिष्ट साहित्यकार की छवि है। आप विभिन्न विधाओं जैसे कविता, हाइकु, गीत, क्षणिकाएँ, आलेख, एकांकी, कहानी, समीक्षा आदि के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपकी रचनाएँ प्रसिद्ध पत्र पत्रिकाओं एवं ई-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।  आप महाराष्ट्र राज्य हिंदी शिक्षक महामंडल द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी अध्यापक मित्र’ त्रैमासिक पत्रिका के सहसंपादक हैं। अब आप प्रत्येक बुधवार उनका साप्ताहिक स्तम्भ – काव्य कुञ्ज पढ़ सकेंगे । आज प्रस्तुत है उनकी नवसृजित कविता फुलवारी की पुकार

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – काव्य कुञ्ज – # 9 ☆

☆  फुलवारी की पुकार

(विधा:मुक्तक कविता)

 

काश ! यह स्कूल उपवन होता,

बनते हम इसकी फुलवारी,

एक ही अर्ज है,

सुनो मन की बात अब हमारी।

 

बालवर्ग मिले दोस्त प्यारे,

ना थी कोई आपसी तकरार,

खेलते-कूदते बीत रहा था समय,

थी एक समय की गुहार,

चल आगे बढ़ प्यारे,

बहुत मिलेगा प्यार और कई फ़नकार

मुडकर ना देख पीछे,

देख आगे और जी ले दुनिया दुलारी,

सुन गुहार समय की,

बढ़ने को आगे हमने की तैयारी।

 

ककहरा से हुई शुरुआत,

फिर आई गणित की बारी,

रटना, याद करना, फिर पाठ पढ़ना,

लगने लगा भारी,

बस्ते के बोझ से,

बचपने की भूल रही है हँसी सारी, क्या करें

ना पढ़ना और ना ही हँसाना,

हुई अनचाही ऐसी लाचारी,

सिसकने-मुरझाने लगी है गुरूजी,

बचपने की आज यह फुलवारी।

 

आज हमें बचपन जीने दो,

मन आप विचारों से उड़ने दो,

कमल से बनती हैं तितलियाँ,

आप ही आप में,

सीखना, खेलना और गाना चाहती है

आप ही आप में,

बनाना चाहती हैं तितलियाँ जैसा

चाहे आप ही आप में,

हाल बहुत बुरा हैं गुरूजी,

दिमाग अब बंद, नहीं मिलती हलकारी।

 

बोझ बने जब पढाई,

फिर कैसे न होगी मन ही मन लड़ाई,

कहते हैं बच्चे फूल होते हैं,

पर क्या हुआ आज यह बेहाल,

बचपन छीना गया हमसे,

कैसे उभरे हम समय के ताल,

फिर से बचपन जीना चाहते है,

सुनाती है यह सारी फुलवारी,

गुरूजी, उजड़ने से पहले फिर एक बार,

खिलना चाहती है बचपन यह फुलवारी।

 

© मच्छिंद्र बापू भिसे

भिराडाचीवाडी, डाक भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा – ४१५ ५१५ (महाराष्ट्र)

मोबाईल नं.:9730491952 / 9545840063

ई-मेल[email protected] , [email protected]

Please share your Post !

Shares
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments