श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है आपकी विदेश यात्रा के संस्मरणों पर आधारित एक विचारणीय आलेख – ”न्यू जर्सी से डायरी…”।)

? यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 21 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ?

घर का तापमान

भारत में यदि काम वाली न आए तो श्रीमती जी का पारा गरम हो ही जाता है । ऐसी हालत में माहौल गरमा गरम होता है । लिखना ,पढ़ना सारी क्रियेटीविटी धरी रह जाती है।
पर तब भी घर का तापमान मौसम के अनुरूप ही होता है। किंतु यदि यहां बर्फ बारी के दिनों में घरों का तापमान मौसम के अनुरूप ही रखा गया तो मामला गड़बड़ हो जाए, क्योंकि दिसंबर में सहज ही टेंपरेचर माइनस एक या दो डिग्री सेंटीग्रेड के आस पास होता है।

अतः हर घर में हीटिंग की व्यवस्थाएं हैं ।

हमारे घर में बेसमेंट में गैस से गर्म पानी /भाप के लिए बायलर है , गर्म पानी के सर्कुलेशन की व्यवस्था दीवारों में है । हर कमरे में हीट रेडिएटर लगा है । इस तरह बाहर मौसम , हवा और तापमान कैसा भी हो भीतर का टेंपरेचर थर्मोस्टेट से मेंटेन करना हमारे हाथ में होता है।

हां यहां तापमान सेंटीग्रेड में नहीं फेरेनहाइट में नापा जाता है। तो अभी हमारे घर का भीतरी तापमान 69 डिग्री फैरेनहाइट है।

विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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