सुश्री प्रणिता खंडकर

 ☆ कविता  – “ऋतु बसंत” 🦋 ☆ सुश्री प्रणिता खंडकर ☆

बसंत ऋतुमें बोयेंगे बीज

खुशियों के,खुशहाली के,

प्यार की फसल लहरायें,

रिश्तों की गहराई में!

आओ,सृष्टी के सृजन का

सुस्वागतम्, मिल के करे,

प्रकृती की ये प्रसन्नता,

तन-मन में, भर के झूमें!

ताल-सुर की ये मिलाप, 

सुनकर कोयल भी चौंकै,

फल-फूलों की बहार का उत्सव,

उम्मीदों का करें !

   ☆        

© सुश्री प्रणिता खंडकर

ईमेल – [email protected] वाॅटसप संपर्क – 98334 79845.

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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