श्री कमलेश भारतीय 

(जन्म – 17 जनवरी, 1952 ( होशियारपुर, पंजाब)  शिक्षा-  एम ए हिंदी, बी एड, प्रभाकर (स्वर्ण पदक)। प्रकाशन – अब तक ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित । कथा संग्रह – 6 और लघुकथा संग्रह- 4 । ‘यादों की धरोहर’ हिंदी के विशिष्ट रचनाकारों के इंटरव्यूज का संकलन। कथा संग्रह – ‘एक संवाददाता की डायरी’ को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिला पुरस्कार । हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार। पंजाब भाषा विभाग से  कथा संग्रह- महक से ऊपर को वर्ष की सर्वोत्तम कथा कृति का पुरस्कार । हरियाणा ग्रंथ अकादमी के तीन वर्ष तक उपाध्यक्ष । दैनिक ट्रिब्यून से प्रिंसिपल रिपोर्टर के रूप में सेवानिवृत। सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता)

☆ कविता ☆ पंखुरी भर बसंत ☆ श्री कमलेश भारतीय ☆

(कभी प्रखर लेखिका मणिका मोहिनी के संपादन में निकलने वाली पत्रिका ‘वैचारिकी संकलन’ में यह कविता प्रकाशित हुई थी । आज खोजने कुछ निकला फाइलों से और मिल गयी यह पुरानी कविता। – कमलेश भारतीय)

कभी किसी दिन

ऐसा भी होता है कि

लाल गुलाब खिलते ही

सिर्फ एक पंखुरी छोड़कर

सारे का सारा झर जाता है !

बाकी बची उम्मीद की तरह

सिर्फ एक पंखुरी

टहनी पर टंगी रहती है !

जो लोगों की नज़र में

बहुत भद्दी दिखती है !

पर ,,,,

कश्मीर से कन्याकुमारी तक

जब

आने वाले मौसम की तरह

दंगे व कर्फ्यू का कहर

शहरों से

लाल गुलाब की सभी पंखुरियों की तरह

सारी खुशियां झाड़ देता है

तब

सिर्फ पंखुरी भर बसंत ही

उम्मीद जगाता है कि

यह दौर जल्द खत्म होगा ।

© श्री कमलेश भारतीय

पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क :   1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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