अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष
सुश्री मालती मिश्रा ‘मयंती’
☆योग का महत्व ☆
योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसके अंतर्गत शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है अर्थात् योग के द्वारा एकाग्रचित्त होकर तन और मन को आत्मा से जोड़ते हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ अर्थात् योग से कर्मो में कुशलता आती है। हमारे देश का प्राचीन इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है, हमारा देश ऋषि-मुनियों का देश रहा है और उस समय ऋषि-मुनि नित्य योग क्रिया करते थे, कदाचित् इसीलिए वर्तमान समय में बहुत से लोग इसे धर्म से जोड़कर देखते हैं और इसका विरोध करते हैं किन्तु इसे धर्म से जोड़ना सर्वथा गलत ही है और धर्म से जोड़कर इसे न अपनाने के सिर्फ दो ही कारण हो सकते हैं, एक तो अज्ञानता और दूसरा राजनीतिक कारण। यदि इन दो कारणों को छोड़ दिया जाए तो योग का विरोध करने या इसे न अपनाने का कोई औचित्य नहीं।
वर्तमान समय में रोजमर्रा के भागमभाग भरे जीवन, प्रदूषण से युक्त वातावरण, अशुद्ध और अनियमित आहार, अनियमित जीवनशैली के कारण लोग मानसिक तनाव, शारीरक व मानसिक अस्वस्थता जैसी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, हर दस में से छः व्यक्ति मोटापे का शिकार दिखाई देता है। ऐसी परेशानियों से आराम पाने के लिए वो दवाइयाँ लेना प्रारंभ करते हैं और धीरे-धीरे उनका जीवन ही दवाइयों पर निर्भर हो जाता है। साथ ही लोग मोटापे से राहत पाने के लिए व्यायाम करते हैं, बहुधा लोग दिन में कई- कई घंटे व्यायामशाला में व्यतीत करते हैं और कोच की सलाह पर तरह-तरह के हेल्थ पाउडर आदि पर पैसा पानी की तरह बहाते हैं। योग इन सारी समस्याओं का एकमात्र उपाय है। योग करने से हमारे मस्तिष्क को शांति मिलती है, ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है, तनाव से मुक्ति मिलती है, कार्य करने में मन लगता है, यह न सिर्फ हमारे मस्तिष्क को ताकत पहुँचाता है बल्कि हमारी आत्मा को भी शुद्ध करता है। शरीर की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग योगासन होते हैं। जो व्यक्ति नियमित रूप से योग करते हैं वो शारीरिक व मानसिक व्याधियों से दूर रहते हैं। अतः योग को दैनिक जीवन में नियमित रूप से अपनाना चाहिए ताकि बीमारियों, कुंठाओं से दूर रहकर एक स्वस्थ, सकारात्मक और सार्थक जीवन का लाभ उठाया जा सके।
मालती मिश्रा ‘मयंती‘
सत्य व सटीक परिभाषित किया जी आपने कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रहने के जीवन में योग का होना अति आवश्यक है।
पूर्णतया सहमत
अतिसुंदर