डॉ राकेश ‘चक्र

(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी  की अब तक लगभग तेरह दर्जन से अधिक मौलिक पुस्तकें ( बाल साहित्य व प्रौढ़ साहित्य ) तथा लगभग चार दर्जन साझा – संग्रह प्रकाशित तथा कई पुस्तकें प्रकाशनाधीन।लगभग चार दर्जन साझा – संग्रह प्रकाशित तथा कई पुस्तकें प्रकाशनाधीन। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों  से  सम्मानित/अलंकृत।  भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य श्री सम्मान’ और उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य भारती’ सम्मान, अमृत लाल नागर सम्मानबाबू श्याम सुंदर दास सम्मान तथा उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संस्थान  के सर्वोच्च सम्मान सुमित्रानंदन पंतउत्तर प्रदेश रत्न सम्मान सहित बारह दर्जन से अधिक राजकीय प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं गैर साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित एवं पुरुस्कृत। 

आदरणीय डॉ राकेश चक्र जी के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें 👉 संक्षिप्त परिचय – डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी।

आप  “साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र” के माध्यम से  उनका साहित्य प्रत्येक गुरुवार को आत्मसात कर सकेंगे।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र – # 252 ☆ 

☆ बाल कविता – बचपन की है बात निराली ☆ डॉ राकेश ‘चक्र’ 

बचपन की है बात निराली

कभी नहीं बैठे हैं खाली

नूतन नित करतब ये करता

सबमें भरता है खुशहाली।।

कोई बनता राजा- रानी

कोई बनता गुड़िया- गुड्डा

कोई बनता शेरोंवाली

कोई खेले खेल दुग्गडा।।

खेल खेल में आज बनी है

दिव्या अपनी शेरोंवाली

महिषासुर नवनीत बन गया

कुछ बच्चे हाथों की आली।।

 *

अद्भुत रूप दिखाया सबने

बचपन के हैं अपने सपने

अच्छा सोचें, अच्छा कर लें

सब ही हो जाते हैं अपने।।

हम यदि बचपन जैसा जीते

जीवन खुशियों से भर जाता

मुश्किल भी आसान सी लगती

निज मन का दीपक हर्षाता।।

© डॉ राकेश चक्र

(एमडी,एक्यूप्रेशर एवं योग विशेषज्ञ)

90 बी, शिवपुरी, मुरादाबाद 244001 उ.प्र.  मो.  9456201857

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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