ई-अभिव्यक्ति:  संवाद–29             

जिस स्तर के डिजिटल साहित्यिक मंच की परिकल्पना की थी, उस मार्ग पर आप सब के स्नेह से  प्रगति पथ पर e-abhivyakti अग्रसर है।

गुरुवर साहित्य मनीषियों का आशीर्वाद, सभी विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर एवं सुधि पाठक ही मेरी पूंजी है।  विजिटर्स की बढ़ती संख्या 14,500 से अधिक मन में उल्लास भर देती है और सदैव नवीन प्रयोग करते रहने के लिए प्रेरित करती है। 15 अक्तूबर 2018 से प्रारम्भ यात्रा अब तक अनवरत जारी है।

आज e-abhivyakti के जन्म से सतत स्थायी स्तम्भ का स्वरूप लिए श्री जगत सिंह बिष्ट जी की योग-साधना/LifeSkills को कुछ समय के लिए विराम देते हैं जो कुछ अंतराल के पश्चात पुनः नए स्वरूप में आपसे रूबरू होंगे।

इसी बीच आध्यात्म/Spiritual स्तम्भ के अंतर्गत आप प्रतिदिन प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’  जी का  श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद आत्मसात कर रहे हैं।

श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी का व्यंग्य विधा पर आधारित साप्ताहिक स्तम्भ – सवाल जवाब प्रति रविवार प्रकाशित हो रहा है।

आज से प्रति रविवार सुश्री आरुशी दाते जी का मराठी आलेख का साप्ताहिक स्तम्भ “मी_माझी” प्रारम्भ कर रहे हैं।

आज का अंक कई माय  में विशेषांक के स्वरूप में परिणित हो गया है।

आज के अंक में आप उपरोक्त साप्ताहिक स्तंभों के अतिरिक्त पढ़ सकेंगे सुश्री सुषमा सिंह जी की एक बेहद भावुक एवं हृदयस्पर्शी कविता “छल”। यह आपको तय करना है कि किसने किसको छल।  सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री शांतिलाल जैन जी का व्यंग्य “रोमांच पैदा करते दर्रे”। भोपाल के न्यू मार्केट की गली में दोनों ओर से सड़क की ओर बढ़ती दुकानों के बीच व्यंग्यकार के राह चलते विभिन्न पात्रों की यात्रा निश्चय ही आपको रोमांच से भर देगी। सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी की कविता “My Dreams” आपके स्वप्नों को साकार करने हेतु एक सकारात्मक संदेश देती है। इसे आप अपनी जीवन यात्रा से कैसे जोड़ते हैं यह आप पर निर्भर करता है। श्री माधव राव माण्डोले “दिनेश” जी की कविता “जवाबदार कौन….?” आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि लोकतन्त्र के इस पर्व पर आखिर जवाबदार कौन है?

तो फिर देर किस बात की पढ़िये आज का विशेषांक एवं अपनी बेबाक राय दीजिये ताकि भविष्य में e-abhivyakti को और अधिक पठनीय बनाया जा सके।

आज के लिए बस इतना ही।

हेमन्त बवानकर 

28 अप्रैल 2019

Please share your Post !

Shares
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

4 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
डॉ भावना शुक्ल

अभिव्यक्ति की अभिव्यक्ति यूं ही उन्नति करती रहेगी।

डॉ .प्रदीप शशांक , जबलपुर , म.प्र.

ई अभिव्यक्ति साहित्याकाश में निरंतर ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होती रहे । यही हमारी शुभकामनाएं हैं ।

डॉ .प्रदीप शशांक , जबलपुर , म.प्र.

ई अभिव्यक्ति साहित्याकाश में निरंतर ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होती रहे । यही हमारी शुभकामनाएं हैं ।

Swapna

अभिव्यक्ति का यह साहित्य संगम का अनोखा प्रयास युहीं चलता रहैं । मेरी शुभकामनाएं पके साथ है ।

स्वप्ना..