सूचना/Information ☆ डॉ ऋचा शर्मा को विक्रम सोनी लघुकथा कृति सम्मान– अभिनंदन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? डॉ ऋचा शर्मा को विक्रम सोनी लघुकथा कृति सम्मान – अभिनंदन ☆?  

? लघुकथा शोध केंद भोपाल का  अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन व वार्षिक अलंकरण समारोह सम्पन्न ?

जो साहित्य पकता है वही साहित्य पचता है – डॉ. देवेंद्र दीपक

भोपाल 19 जून। देश के जाने माने साहित्यकार स्व. श्री माधवराव सप्रे के जन्मदिवस पर प्रतिवर्षानुसार “लघुकथा शोध केंद्र” भोपाल द्वारा अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. देवेंद्र दीपक ने की।

केंद्र की निदेशक श्रीमती कांता राय ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि आज देश के नामचीन लघुकथाकारों ने यहाँ पधारकर मुझे गौरवान्वित किया है। शोध केंद्र के सभी सदस्यों का समन्वित प्रयास है यह कार्यक्रम जो आप सभी के आशीर्वाद से पुष्पित एवम पल्लवित होता है।

स्व. माधवराव सप्रे के द्वारा लिखित प्रथम लघुकथा “एक टोकरी भर मिट्टी” का वाचन श्री राजुरकर राज एवम श्रीमती जया आर्य द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न पुस्तकों के विमोचन पश्चात दिल्ली से पधारे श्री बलराम अग्रवाल ने “वर्तमान लघुकथा परिदृश्य एवं संभावनाएँ” पर अपनी बात रखते हुए कहा कि लघुकथा लेखन में ध्यान इस पर देना चाहिए कि विषयों की विविधता हों।

डॉ. अशोक भाटिया ने अपने उद्बोधन में विदेशों में लिखी जा रही श्रेष्ठ लघुकथाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व में लघुकथा परिदृश्य बहुत विकसित है तथा चायनीज लघुकथायें बहुत सारगर्भित लिखी गई हैं।

श्री सूर्यकांत नागर ने “लघुकथाओं में आध्यात्मिक तत्व” पर बोलते हुए कबीर से सम्बद्ध लघुकथाओं को उद्धृत किया एवं स्वयम की लघुकथा ‘अच्छे पड़ोसी’ प्रस्तुत की।

अध्यक्षता करते हुए डॉ. देवेंद्र दीपक ने कहा कि अच्छी लघुकथा लिखने के लिए आवश्यक है कि आप अपनी लघुकथा लिखकर लम्बे समय तक के लिए छोड़ देना चाहिए बाद में जब  हम पुनः उसको पढ़ते हैं तो कुछ नए विचार जुड़ते हैं और लेखन में परिमार्जन होता है। जो साहित्य पकता हो वही साहित्य पचता है |

कार्यक्रम का दूसरा महत्वपूर्ण सत्र ‘अलंकरण समारोह’ का था जिसका सफल और सरस संचालन गोकुल सोनी जी द्वारा किया गया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवम संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ कथाकार एवं अध्यक्ष वनमाली सृजन पीठ मुकेश वर्मा एवम सारस्वत अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बिनय राजाराम एवं वरिष्ठ लघुकथाकार सतीश राठी उपस्थित थे |  मंचस्थ अतिथियों ने डॉ. अशोक भाटिया, करनाल (हरियाणा) को प. माधवराव सप्रे स्मृति अखिल भारतीय लघुकथा अलंकरण, संतोष सुपेकर, उज्जैन को पद्मश्री रामनारायण उपाध्याय स्मृति प्रादेशिक लघुकथा सम्मान, डॉ. कुमकुम गुप्ता,भोपाल को मातुश्री धनवंती देवी स्मृति लघुकथा कृति सम्मान, पवन जैन, जबलपुर को पारस दासोत स्मृति लघुकथा कृति सम्मान एवं डॉ. ऋचा शर्मा, अहमदनगर (महाराष्ट्र) को विक्रम सोनी लघुकथा कृति सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर अन्य सोलह लघुकथाकारों अंजू खरबंदा, नेतराम भारतीय, सुरेश बरनवाल, नूतन गर्ग, वंदना गोपाल शर्मा, अपर्णा गुप्ता, राममूरत राही, विजय सिंह चौहान, अर्चना मंडलोई, सरिता बघेला, मनोरमा पंत, सदानंद कवीश्वर, अशोक धमेंनियां, रामचंद्र धर्मदासानी, यशोधरा भटनागर को उनकी सद्य प्रकाशित कॄतियों पर ‘लघुकथा श्री’ सम्मान भी प्रदान किये गए एवं रेणुका सिंह द्वारा स्व. कृष्णा देवी स्मृति सम्मान यू.के में रहने वाली सुश्री वंदना मुकेश शर्मा को प्रदान किया गया।

कार्यक्रमका तीसरा सत्र ‘सृजन और समीक्षा’ का रहा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अनिल मीत वरिष्ठ साहित्यकार,नई दिल्ली अध्यक्षता डॉ. विकास दवे निदेशक साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश सँस्कृति परिषद भोपाल एवम सारस्वत अतिथि के रूप में प्रताप सिंह जी सोढ़ी, इंदौर ,सुभाष नीरव जी दिल्ली, निहालचंद जी शिवहरे एवम अंतरा करवड़े उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुज़फ्फर इकबाल सिद्दीकी ने किया। इस सत्र में विभिन्न वक्ताओं ने लघुकथा सृजन के वर्तमान परिदृश्य पर महत्वपूर्ण विचार रखे एवम ततपश्चात आयोजन में पधारे देशभर के लघुकथाकारों का लघुकथा पाठ हुआ। कार्यक्रम के अंत में शशि बंसल ने आभार प्रकट किया।

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए डॉ ऋचा शर्मा जी  एवं सभी सम्मानित साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ ई-अभिव्यक्ती मराठी च्या वाचकांना नम्र निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ ई-अभिव्यक्ती मराठी च्या वाचकांना नम्र निवेदन 

आपण वाचलेल्या साहित्याविषयी आपली प्रतिक्रिया व्यक्त करावी. तसेच आवडलेले साहित्य आपल्या वाचनप्रेमी मित्रपरिवाराला पाठवावे . आपला वाचक वर्ग वाढवावा व त्यांनाही वाचनाचा आनंद घेऊ द्यावा.

       संपादक मंडळ

 ई-अभिव्यक्ती मराठी.

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ बालकहानी प्रतियोगिता के परिणाम घोषित – अलका प्रमोद लखनऊ को मिला प्रथम स्थान ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

?  श्रीमती सुशीलादेवी केशवराम क्षत्रिय स्मृति बाल प्रतियोगिता- 2022 परिणाम घोषित – अभिनंदन ? 

बालकहानी प्रतियोगिता के परिणाम घोषित – अलका प्रमोद लखनऊ को मिला प्रथम स्थान-

देशभर के बालकथाकारों से बालकहानियां प्रतियोगिता-श्रीमती सुशीलादेवी केशवराम क्षत्रिय स्मृति बाल प्रतियोगिता- 2022 के लिए आमंत्रित की गई थीं। जिसमें विभिन्न बालसाहित्यकारों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। इस कारण इस प्रतियोगिता में 55 से अधिक कहानियां प्रविष्ठियाँ के तौर पर प्राप्त हुई थीं। प्रतियोगिता के निम्नानुसार इन सभी कहानियों पर से रचनाकारों के नाम हटाकर कहानी के शीर्षक के साथ निर्णायक और प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ दिनेश कुमार पाठक ‘शशि’ को मूल्यांकन के लिए भेजा गया था।

निर्णायक महोदय ने कहानी का अध्ययन, मनन और चिंतन करके प्रथम स्थान- महंगी पड़ी शरारत, रचनाकार- अलका प्रमोद लखनऊ, द्वितीय स्थान- कहानी मिली की, रचनाकार- इंद्रजीत कौशिक बीकानेर, तृतीय स्थान- मछली जल की रानी, रचनाकार- नीलम राकेश लखनऊ की कहानी को प्रदान किया गया।

इसी तरह प्रथम 10 कहानियों में अपना स्थान बनाने वाली कहानी और रचनाकार का नाम इस प्रकार है- सब्जी लोक में टिंकू- अलका अग्रवाल जयपुर, लैपटॉप- मधुलिका श्रीवास्तव भोपाल, कौन जीता कौन हारा- मीनू त्रिपाठी नोएडा, इफ्तारी- डॉक्टर लता अग्रवाल भोपाल, मिंकु पिंकू- वंदना पुणतांबेकर इंदौर, अनुशासन का महत्व- विनीता राहुरिकर भोपाल, खेल खेल में- अंजली खेर भोपाल, मंगलवन में अमंगल ललित शौर्य पिथौरागढ़ , नन्ना गोलू- संध्या गोयल सुगम्या राजनगर गाजियाबाद को प्राप्त हुआ है।

इन सभी विजेताओं को पुरस्कार राशि व सम्मानपत्र श्रीमती सुशीलादेवी केशवराम क्षत्रिय स्मृति बाल प्रतियोगिता- 2022 के आयोजक प्रसिद्ध बालसाहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’

19-06-2022

पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश) पिनकोड- 458226, मोबाइल नंबर 9424079675

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से सभी पुरस्कृत / सम्मानित साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. राधिका भांडारकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सम्पादकीय निवेदन 

? ‘गारवा’  काव्य संग्रहाचा प्रकाशन ?

? सौ. राधिका भांडारकर  अभिनंदन ?

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री राधिका भांडारकर यांचा‘गारवा’ हा काव्यसंग्रह नुकताच प्रकाशित झाला आहे.

? सौ. राधिका भांडारकर यांचे ई–अभिव्यक्तीतर्फे या नव्या पुस्तकाचे स्वागत व मनःपूर्वक अभिनंदन! ?

संपादक मंडळ

 ई-अभिव्यक्ती मराठी.

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को ‘विद्या वाचस्पति’ की उपाधि ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को ‘विद्या वाचस्पति’ की उपाधि

रतनगढ़ । ‘ई-अभिव्यक्ति’ परिवार के वरिष्ठ साहित्यकार श्रीओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गाँधीनगर, भागलपुर ने आपकी सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर ‘विद्यावाचस्पति’ सारस्वत सम्मान प्रदान किया है । स्मरणीय रहे कि- यह सम्मानोपाधि पीएचडी के समकक्ष है

💐 ‘ई-अभिव्यक्ति’ परिवार की ओर से ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनकी उपलब्धि पर हार्दिक साधुवाद ! 💐

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सुश्री कुंदा कुलकर्णी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सुश्री कुंदा कुलकर्णी – अभिनंदन ?

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखिका सुश्री कुंदा कुलकर्णी यांनी लिहिलेले “।। भगवान वेदव्यास ।। “ हे अतिशय अभ्यासपूर्ण पुस्तक नुकतेच प्रकाशित झाले आहे. त्याबद्दल सुश्री कुलकर्णी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि अशीच आणखी माहितीपूर्ण पुस्तके त्यांच्या हातून लिहिली जावीत आणि वाचकांपर्यंत पोहोचावीत यासाठी त्यांना हार्दिक शुभेच्छा. 

या पुस्तकाविषयीचे लेखिकेचे मनोगत वाचू या आजच्या “ मनमंजुषा “ या सदरात. 

ज्यांना हे पुस्तक हवे असेल त्यांनी लेखिकेच्या – ९१-९५२७४ ६०२९० या मोबाईल नंबरवर संपर्क साधावा असे त्यांनी कळवले आहे.

💐 ई- अभिव्यक्ती कडून त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन.💐

संपादक मंडळ

 ई-अभिव्यक्ती मराठी.

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्रीमती उज्ज्वला केळकर आणि श्री अमोल केळकर – अ भि नं द न !☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ 

? अ भि नं द न ?

शुक्रवार दि. 20 मे 2022 रोजी सांगली येथे सौ.उज्वला केळकर यांच्या ‘हिरव्या हास्याचा कोलाज’ आणि श्री.अमोल केळकर यांच्या ‘माझी टवाळखोरी’ या पुस्तकांचा प्रकाशन समारंभ संपन्न झाला.

💐 ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे श्रीमती उज्ज्वला केळकर आणि श्री अमोल केळकर यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा 💐

 संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्रीमती उज्ज्वला केळकर आणि श्री अमोल केळकर – अ भि नं द न !☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ 

श्रीमती उज्ज्वला केळकर

श्री अमोल केळकर

? अ भि नं द न ?

श्री अमोल केळकर यांच्या “माझी टवाळखोरी” तसेच श्रीमती उज्ज्वला केळकर यांच्या “हिरव्या हास्याचा कोलाज” या पुस्तकांचे प्रकाशन श्री अरविंद मराठे यांच्या शुभहस्ते आणि श्री नितीन खाडिलकर यांच्या अध्यक्षतेखाली, शुक्रवार दिनांक २० मे रोजी सिटी हायस्कूल, सांगली येथे संध्याकाळी ४ वाजता होणार आहे.

आपण सर्वांनी या सोहळ्यास उपस्थित राहून लेखकांना शुभेच्छा द्याव्यात व आनंद द्विगुणीत करावा ही विनंती 🙏

💐 ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे श्रीमती उज्ज्वला केळकर आणि श्री अमोल केळकर यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा 💐

 संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री.रविंद्र सोनावणी – अ भि नं द न !☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ 

? श्री रविंद्र सोनावणी 

? अ भि नं द न ?

भारतीय साहित्य व संस्कृती मंच, बीड यांचेतर्फे आयोजित मुक्तकाव्य लेखन स्पर्धेत आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखक व कवी श्री.रविंद्र सोनावणी यांना प्रथम क्रमांक प्राप्त झाला आहे.

💐 ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे श्री.रविंद्र सोनावणी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा 💐

 संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ लघु पत्रिकाओं के महत्त्व व योगदान पर सम्मेलन – कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ लघु पत्रिकाओं के महत्त्व व योगदान पर सम्मेलन – कमलेश भारतीय ☆ 

लघु पत्रिका सम्मेलन, दिनेशपुर (उत्तराखंड)

अभी आया हूं दिनेशपुर से जो उत्तराखंड का एक छोटा सा गांव है। जहां न कोई बड़ा होटल है और न कोई गेस्ट हाउस लेकिन पलाश विश्वास का हौसला देखिए कि दो दिन का सम्मेलन रख दिया देश की लघुपत्रिकाओं के योगदान और उनकी भूमिका को लेकर। कितने ही रचनाकार /संपादक दूर दराज से, देश के कोने कोने से पहुंचे और जमकर चर्चा हुई दो दिन। जनता का साहित्य, जनता की संस्कृति और जनता का मीडिया यह विषय रहा चर्चा परिचर्चा के लिए। प्रसिद्ध रचनाकार मदन कश्यप ने बहुत बढ़िया बात कही -देशहित और जनहित में इतना विरोध क्यों है? बाजार और विचार के बीच खाई क्यों है? बाजार और विचार की लड़ाई बड़ी है और इन दोनों के बीच खाई भी बढ़ती जा रही है। विचारहीनता का संकट बढ़ता जा रहा है देश में। सत्य को समझने, पहचानने और अभिव्यक्त करने की चुनौती बढ़ती जा रही है। हम संस्कृति से विमुख करने वालों के लिए चुनौती बन सकें यह बहुत जरूरी हो गया है। देवशंकर नवीन ने कहा कि चेतना को प्रबुद्ध करने की जरूरत है। उन्होंने एक लघुकथा से समझाया कि जिन्होंने रावण के पाप को झेला वो भी कसूरवार होते हैं बराबर के। हमें वैकल्पिक मीडिया बनाना है। ये लघुपत्रिकायें ही हैं जिन्होंने हर आंदोलन को जन्म दिया।

मैंने हरियाणा की ओर से गये इकलौते प्रतिनिधि के रूप में कहा कि कोई पत्र पत्रिका लघु नहीं होता। यदि ऐसा होता तो छत्रपति के पूरे सच ने जो काम कर दिखाया वह बड़े बड़े अखबार नहीं कर सके। लघु पत्रिका ‘वामन के तीन डग’ भरतीं आसमान तक नाप जाती हैं।

पाश ने कहा भी था कि

सबसे खतरनाक होता है

सब कुछ देखकर भी चुप रहना

और सुरजीत पातर ने भी कहा था :

कुज्ज किहा तां हनेरा जरेगा किवें,,,

जी हां। हनेरा यानी अंधकार यानी तानाशाह कभी सहता नहीं विरोध और यह विरोध हमें करना है। इन लघु पत्रिकाओं को करना है क्योंकि मीडिया बिकाऊ होता जा रहा है और बड़े संस्थानों से कोई आस नहीं बची।

‘आजकल’ के संपादक राकेश रेणु ने कहा कि जितने बड़े आंदोलन देश में हुए सबमें लघु पत्रिकाओं का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है लेकिन जिस स्तर पर और जितनी गहरी बहस होनी चाहिए वह होनी चाहिए। इसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।

सम्मेलन में ‘समयांतर’ के संपादक पंकज बिष्ट, ‘नैनीताल समाचार’ के संपादक राजीव लोचन साह, शेखर पाठक,कौशल किशोर, बेबी हालदार, कपिलेश भोज, अमृता पांडे, मीन अरोड़ा, गीता पपोला, रूपेश कुमार सिंह, नगीना खान, कितने जाने अनजाने मित्रों ने इसे गरिमा प्रदान की।

रूपेश कुमार सिंह द्वारा लिखित ‘मास्साब’ पुस्तक का विमोचन किया गया जिसमें मास्टर मास्टर प्रताप सिंह के जीवन की घटनाओं को समेटने की कोशिश  की गयी है। सम्मेलन में देश के अनेक स्थानों से प्रकाशित हो रही पत्रिकाओं व पुस्तकों की प्रदर्शनी व बिक्री भी खूब हुई और दोनों शाम कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम व नाटक प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम का मुख्य संचालन हेतु भारद्वाज ने किया और इसे पटरी से उतरने से बार बार सही जगह लाने पर बीच में आते रहे।

इस पूरे आयोजन के लिए पलाश विश्वास और प्रेरणा अंशु को बधाई देता हूं। संयोग से प्रेरणा अंशु के प्रकाशन का यह 36 वां गौरवशाली वर्ष भी था।

प्रेरणा अंशु को भी बहुत बहुत बधाई। एक छोटे से गांव दिनेशपुर से जो अलख जगी है, वह बहुत दूर तक जायेगी, पूरी आशा है, विश्वास है।

साभार –  श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क :   1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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