सूचना/Information ☆ डॉ राजकुमार शर्मा का साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है – केशरीनाथ त्रिपाठी – अभिनंदन ☆

डॉ राजकुमार शर्मा का साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है, एक समर्पित समाजसेवी के रूप में उनकी सेवा सराहनीय है – केशरीनाथ त्रिपाठी

हिन्दुस्तानी एकेडमी के सभागार में शनिवार को साहित्यकार, पत्रकार डाॅ0 राजकुमार शर्मा केंद्रित ‘‘नूतन कहानियां’’ पत्रिका का विमोचन व डाॅ0 शर्मा जी का सम्मान किया गया। प्रयागराज से वर्ष 1976  में प्रकाशन प्रारम्भ करने वाली नूतन कहानियां मासिक पत्रिका को साहित्य की पत्रिका के रूप में रूपांतरित करते हुए लखनऊ के ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने प्रयागराज के वरिष्ठ, वयोवृद्ध साहित्यकार लेखक डॉ राजकुमार शर्मा पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित करते हुए एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। डॉ शर्मा के साहित्यिक योगदान को स्मरणीय बनाने में इस विशेषांक की महत्वपूर्ण भूमिका है जो भविष्य में उल्लेखनीय रहेगी। पत्रिका में सम्मिलित डॉ राजेन्द्र कुमार, डॉ जय कुमार जलज, श्री शैवाल सत्यार्थी, डॉ पूर्णिमा मालवीय आदि के लेखों ने उनकी साहित्यिक यात्रा को जिस तरह से रेखांकित किया है वह सराहनीय है। पत्रिका के विमोचन समारोह में बोलते हुये पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने ये बातें कहीं। त्रिपाठी जी ने शर्मा जी के व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे सदैव समर्पित भाव से बिना अपने गंतव्य की चिंता किये अनथक परिश्रम करते रहे। उन्होंने राजकुमार जी को पूर्णायु प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने इस मौके पर डॉ शर्मा के साहित्यिक जीवन की चर्चा करते हुए जल्दी ही हिंदुस्तानी एकेडमी की तरफ से उनका भव्य सम्मान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमें यह जानकारी नहीं थी, नूतन कहानियों के सम्पादक सुरेन्द्र अग्निहोत्री जी को अनेक साधुवाद कि उन्होंने हमारा परिचय एक वयोवृद्ध साहित्यकार से कराया।उन्होंने पुनः जल्दी ही उनका सम्मान करने की बात कही।

दूरदर्शन के पूर्व निदेशक श्री श्याम विद्यार्थी जी ने राजकुमार जी को एक सीधा सच्चा और सरल इंसान बताते हुए एक संस्मरण सुनाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अनेक लोगों को साहित्यकार बनाया पर जब मैने उनका साक्षात्कार दूरदर्शन पर प्रसारित करने की बात कही तो वे स्वयं कभी नहीं आए, हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाया। उनके जैसा व्यक्तित्व आज के समय में मिलना दुर्लभ है। उन्होंने डाॅ0 राज कुमार शर्मा जी के साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री शर्मा जी जीवन से जुड़ी हुई यह नूतन कहानियों का संग्रह है, इसके लिए पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री अशोक भटनागर बधाई के पात्र है। उन्होंने साहित्य, कवि, नाटककार व पत्रकार के रूप में अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने ने भी शर्मा जी के शतायु होने की कामना की।

साइंस फैकेल्टी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो अनीता गोपेश ने अपने प्रिय चाचा जी के रूप में उनको याद करते हुए इनके जीवन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का सुंदर सफल संचालन लखनऊ से आए श्री प्रेमशंकर अवस्थी जी ने किया।इस मौके पर प्रयागराज के अनेक लेखक पत्रकार तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस अवसर पर पूर्णिमा मालवीय की पुस्तक कौस्तुभ मणि का विमोचन श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने किया।। इस अवसर पर अनीता गोपेश, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, विजय लक्ष्मी विभा, शारदा पांडेय, मधु भटनागर, आदि रहे।

साभार – श्री डी के मिश्रा

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए डॉ राजकुमार शर्मा जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय 

 

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सूचना/Information ☆ देशभर के साहित्यकार हुए उप जिलाधीश के हाथों सम्मानित – अभिनंदन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

?  देशभर के साहित्यकार हुए उप जिलाधीश के हाथों सम्मानित ? 

सवाई माधोपुर । पत्र-लेखन कला को जीवित करने के उद्देश्य से स्थापित साहित्य मंच टोडारायसिंह के द्वारा गत कई सालों से प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक इस मंच ने कई विद्यालयों में पाती लेखन कार्यशाला आयोजित करके हजारों छात्रों को पुरस्कृत किया है। इसी क्रम में देश भर से पाती लेखन मुहिम के तहत कई प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाती रही है। यह मंच राजस्थान के कई प्रांतों में क्रियाशील है।

इसे के परिणाम स्वरूप देश-विदेश से प्राप्त पत्रों में से चयनित पत्रों को पुरस्कृत किया गया है। इसके फलस्वरूप “पाती शिक्षकों को”, “पाती मीत को” और “पाती प्रकृति को” नाम से 3 प्रतियोगिताओं में चयनित पत्रों को पुस्तकाकार प्रकाशित करके देशभर के रचनाकारों को सवाई माधोपुर में उप जिलाधीश और साहित्य मंच टोडारायसिंह के संरक्षक सूरजसिंह नेगी, उपवन संरक्षक जयराम पांडेय और श्री दादू पर्यावरण संस्था रानीपुर के सहयोग से होटल सिद्धिविनायक के सभागार में पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

ओजोन परत संरक्षण दिवस- 2021 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध बालसाहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप तीन पुस्तकें- जिन में चुनिंदा पत्रों को समहित किया गया था, के साथ तीन प्रमाणपत्र, रणथंबोर के सिद्धिविनायक गजानन की तस्वीर प्रदान की गई। देशभर से पधारे हुए 150 प्रतिभागियों का मेवाड की धरती राजस्थान में सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है।

साभार –  श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’, पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश) पिनकोड- 458226, मोबाइल नंबर 9424079675

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से सभी पुरस्कृत / सम्मानित साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

 

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सूचना/Information ☆ 21 सप्टेंबर – संपादकीय ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

? 21 सप्टेंबर- संपादकीय ? 

आज  श्री लक्ष्मीकांत तांबोळी यांचा जन्मदिन (२१ सप्टेंबर) कविता, कथा, ललित  लेख  इ. बहुविध वाङमय प्रकार त्यांनी हाताळले. 

कविता संग्रह – अस्वस्थ सूर्यास्त ‘गोकुळवाटा, जन्मझुला, हुंकार इ. 

कथा – तवंग, सलामसाब, ललित लेख – कबिराचा शेला, सायसावल्या, इ. 

कादंबरी – कृष्णकमळ, गांधकाली, दूर गेलेले घर

समीक्षा – कवि वृत्ती आणि प्रवृत्ती इ. त्यांना अनेक पुरस्कार मिळाले. कलावंत कधी निवृत्त होत नसतात, असं ते म्हणत. 

आजच्या अंकात वाचा, त्यांची कविता ‘अनंता एवढे द्यावे.’

अनंता येवढे द्यावे 

अनंता येवढे द्यावे, फुलांचे रंग ना जावे.

उडाया पाखरांसाठी  जरा आभाळ ठेवावे.

घराला उंबरा राहोपेटती राहू दे चूल

कुणाही मायपदराशी  खेळते राहू दे मूल 

तान्हुल्या बाळओठांचा  तुटो ना दे कधी पान्हा

असू दे माय कोणाची  असू दे कोणता तान्हा 

चालता तिमिर वाटेने  सोबती चांदणे यावे

घणाचे घाव होताना   फुलांनी सांत्वना द्यावे. 

कितीही पेटू दे ज्वाळा  जळाचा जाळ न व्हावा 

बरसत्या थेंब थेंबाचा   भुईतूनी कोंब उगवावा.

अनंता येवढे द्यावे,   भुईचे अंग मी व्हावे

शेवटी श्वास जाताना  फुलांचे रंग मी व्हावे.

 कवी : श्री लक्ष्मीकांत तांबोळी

चित्र साभारLaxmikant Tamboli | Facebook 

आज कविवर्य सदानंद रेगे यांचा स्मृतिदिन. त्यांचा जन्म २१जूनच. कवी आणि भाषांतरकार म्हणून ते प्रसिद्ध आहेत.

 कविता संग्रह – अक्षरवेल, गंधर्व, देवापुढचा दिवा, बकूंशीचा पक्षी 

कथासंग्रह – काळोखाची पिसे, चांदणं, चंद्र सावली कोरतो 

अनुवादीत – जयकेतू (रूपांतर )राजा इदीपास, ज्याचे होते प्राक्तन शापित, गोची इ. 

अनुवादीत कविता – ब्लादिमिर मायकोव्ह्स्कींच्या कवितांचा सुंदर अनुवाद – पॅंट घातलेला ढग     बालकविता – चांदोबा चांदोबा, झोपाळयाची बाग  

सदानंद रेगे यांची २८ पुस्तके प्रकाशित आहेत. त्यापैकी पुस्तकांना महाराष्ट्र सरकारचा राज्य पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. 

आजच्या अंकात वाचा सदानंद रेगे यांची कविता आणि राधिका भांडारकर यांनी त्या कवितेचं केलेलं रसग्रहण

 

संपादक मंडळ, ई – अभिव्यक्ती (मराठी)

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

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?संपादकीय निवेदन?

नमस्कार,

 दि .१ ऑक्टोबर  —- आदरणीय  महान लेखक आणि महाकवी कै. श्री. ग. दि . माडगूळकर यांचा जन्मदिन—- त्यांना आदरांजली म्हणून त्यादिवशी आपण विशेषांक प्रस्तुत करणार आहोत. ज्यांना त्यासाठी आपले साहित्य पाठवायचे असेल, त्यांनी ते साहित्य संपादकांकडे उशिरात उशिरा रविवार दि. २६/०९/२१ पर्यंत पोहोचेल अशा बेताने पाठवावे. म्हणजे ते प्रकाशित करण्याचे व्यवस्थित नियोजन करता येईल. त्यानंतर आलेले साहित्य या विशेषांकात समाविष्ट करता येणार नाही याची कृपया नोंद घ्यावी. तसेच प्रत्येकाने आपल्याकडच्या विविध सदरांपैकी कोणत्याही फक्त एकाच सदरासाठी साहित्य पाठवावे ही विनंती, जेणेकरून सर्वांच्या साहित्याचा  या अंकात समावेश करणे शक्य होईल. कोणत्या संपादकांकडे कोणत्या सदरासाठी साहित्य पाठवायचे याची माहिती सर्वांना आहेच. आणि  यासंदर्भात शनिवार दि. १८/०९/२१ च्या अंकासोबतही  पुन्हा माहिती दिलेली आहे. कृपया त्यानुसारच साहित्य पाठवावे हे आग्रहाने नमूद करत आहोत. नेहेमीप्रमाणे सर्वांचा भरघोस प्रतिसाद मिळेल याची खात्री आहे.  

संपादक मंडळ, ई – अभिव्यक्ती (मराठी), 

दि. २०/०९/२१   

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सम्पादकीय निवेदन ?

:: आवाहन ::

आपण देत असलेल्या उत्तम प्रतिसादाबद्द्ल सर्व साहित्यिकांचे मनःपूर्वक आभार! विषयांची विविधता असूनही आपण सर्वजण उत्साहाने लिहीत असता. त्यामुळे भरपूर साहित्य प्राप्त होते. सर्वांना व्यक्त होण्याची संधी मिळावी या हेतूने आम्ही शक्यतो सर्वांचे साहित्य प्रकाशित करण्याचा प्रयत्न करत असतो. पण साहित्याच्या दर्जाबाबत तडजोड करू नये असे आम्हाला वाटते. आपणही या मताशी सहमत असाल.आम्हाला येणा-या अडचणी लक्षात घेऊन आम्ही आपणाला काही सूचना करू ईच्छितो. त्याचा विचार करावा ही विनंती. : : :

  1. आपले साहित्य पाठवण्यापूर्वी शुद्धलेखन तपासून पहावे.
  2. आपले साहित्य विशिष्ट दिवशी किंवा त्या दरम्यान यावे यासाठी पुरेश्या कालावधी पूर्वी पाठवावे.पुढील आठ दिवसांचा आराखडा तयार असतो. त्यात ऐन वेळेला बदल करणे शक्य होत नाही. त्यामुळे आपले साहित्य मागे पडू शकते.
  3. एकाच विषयावर अनेक लेख, कविता आल्यानंतर साधारणपणे प्रथम आलेले साहित्य प्रथम प्रकाशित होईल.
  4. कोणते साहित्य कोणाकडे पाठवायचे यासंबंधी पूर्वी सूचना दिल्या आहेत. त्यांचे काटेकोरपणे पालन करावे. अन्यथा एका विभागाकडून दुस-या विभागाकडे पाठवण्यात परत वेळ जातो. तसेच एकच साहित्य संपादक मंडळातील सर्वांकडे पाठवू नये, ही विनंती.
  5. लेखनासाठी आपण मर्यादा ठरवून दिली आहे.साधारणपणे 500 ते 600 शब्दांपर्यत लेख किंवा कथा पूर्ण व्हावी अशी अपेक्षा आहे. एखादा लेख मोठा झाला तर त्याचे  योग्य ठिकाणी भाग पाडावेत. पुढचा भाग सुरू करताना पहिल्या भागाचा शेवट जोडून घ्यावा. त्यामुळे वाचताना वाचकाला सलगपणा जाणवेल. तसेच प्रत्येक भागाच्या सुरूवातीला भाग क्रमांक, लेखाचे नाव, प्रत्येक भागाच्या शेवटी लेखकाचे नाव लिहावे. प्रत्येक भाग वेगवेगळा पाठवावा कारण प्रत्येक भाग वेगवेगळ्या दिवशी प्रकाशित होत असतो.

येणा-या अडचणी लक्षात घेऊन या सूचना केल्या आहेत. सर्वांच्या सहकार्याने आपल्याला एक वैशिष्ट्यपूर्ण अंक प्रकाशित करायचा आहे. तरी कोणताही गैरसमज करून घेऊ नये, ही सर्वांना नम्र विनंती.

संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

 

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. मनीषा रायजादे पाटील – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

?संपादकीय निवेदन?

? सौ. मनीषा रायजादे पाटील – अभिनंदन ?

 

?  अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ? 

ई–अभिव्यक्तीच्या लेखिका, कवयत्री  सौ. मनीषा पाटील रायजादे यांच्या काव्यमनीषा या कवितासंग्रहाचे प्रकाशन १२ सप्टेंबर रोजी प्रा. वैजनाथ महाजन यांच्या अध्यक्षतेखाली  झाले. यावेळी झालेल्या परिसंवादात श्री. सुधाकर ईनामदार, दयासागर बन्ने,व ई – अभिव्यक्तीचे लेखक श्री आनंद हरी आणि सौ मनीषा पाटील यांचा सहभाग होता.  ई – अभिव्यक्तीतर्फे सौ. मनीषा पाटील रायजादे यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा. – संपादक मंडळ, ई – अभिव्यक्ती

आजच्या अंकात वाचा सौ. मनीषा पाटील रायजादे यांची कविता 

? घे जरासे ? 

शृंगार आज केला निरखून घे जरासे

ओल्या मिठीत आता झिरपून घे जरासे

 

श्वासात श्वास माझे बेधुंद होत गेले 

ओठास ओठ माझे बिलगून घे जरासे

 

बेभान मोग-याच्या फुलल्या कळ्या सुगंधी

गंधीत या क्षणाना कवळून घे जरासे

 

गंधाळल्या फुलांच्या त्या पाकळ्या गुलाबी

स्पर्शातले तराणे समजून घेऊ जरासे

 

फुलवित नभात माझ्या ही रात चांदण्याची

अधरातले  उसासे समजून घे जरासे

(काव्यमनीषा काव्यसंग्रहातून)

मनीषा रायजादे-पाटील

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ‘व्यंग्य रचना’ सम्मान से सम्मानित – अभिनंदन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ‘व्यंग्य रचना’ सम्मान से सम्मानित  – अभिनंदन ?

नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन में व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान समारोह में जबलपुर के श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी को ‘व्यंग्य रचना सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कोरोना की शुरुआत के बाद हिंदी भवन के सभागार में यह पहला आयोजन था।

कार्यक्रम दो सत्र में संपन्न हुआ। पहले सत्र में रवींद्रनाथ त्यागी शीर्ष और सोपान सम्मान वितरित किए गए। शीर्ष सम्मान वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री हरि जोशी जी और श्री गोपाल चतुर्वेदी जी को और सोपान सम्मान युवा साहित्यकारों सर्वश्री एम एम चंद्रा, अलंकार रस्तोगी और सुरेश कुमार मिश्र ‘उरतृप्त’ को प्रदान किए गए।
दूसरे सत्र में ‘व्यंग्य यात्रा’ पत्रिका में वर्ष भर में प्रकाशित आलोचना और रचना आलेखों के लिए वरिष्ठ साहित्यकारों सर्वश्री सुरेश कांत जी, गौतम सान्याल जी को ‘व्यंग्य यात्रा श्रीमती पुष्पा देवी अवस्थी आलोचना पुरस्कार’ और श्री पंकज सुबीर जी एवं श्री जयप्रकाश पांडेय जी को ‘व्यंग्य यात्रा श्री सियाराम अवस्थी रचना पुरस्कार’ प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में दोनों सत्रों में मंच पर उपस्थित साहित्यकारों में शामिल थे सर्वश्री प्रेम जनमेजय, प्रताप सहगल, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, बलराम, शिवनारायण, लालित्य ललित, संजीव कुमार, राजेन्द्र सहगल, फ़ारूक़ अफरीदी, डॉ मनोरमा और आशा कुंद्रा जी।

विशिष्ट अतिथियों का तिलक लगाकर और एवं इंडिया नेटबुक्स से प्रकाशित पुस्तकें भेंटकर स्वागत किया डॉ मनोरमा, राजेश्वरी मंडोरा, सोनीलक्ष्मी राव एवं कामिनी मिश्रा जी ने।

कार्यक्रम का संचालन किया व्यंग्यकार श्री रणविजय राव ने।

कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.गौरी गाडेकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ.गौरी गाडेकर – अभिनंदन ?

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

ई–अभिव्यक्तीच्या लेखिका व कवयत्री सौ गौरी गाडेकर यांचा विनोदी कथासंग्रह ‘हनिमून आजी-आजोबांचा’ अलीकडेच प्रकाशित झाला आहे. त्याबद्दल त्यांचे अभिनंदन व पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा. आजच्या ई–अभिव्यक्तीच्या अंकात या पुस्तकाबद्दलचे मनोगत, स्वत: लेखिकाच व्यक्त करणार आहे.

 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

श्रीमती उज्ज्वला केळकर 

Email- [email protected] WhatsApp – 9403310170

श्री सुहास रघुनाथ पंडित 

Email –  [email protected]WhatsApp – 94212254910

सौ. मंजुषा मुळे

संपर्कासाठी :  Email –  [email protected] WhatsApp – 9822846762

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ मध्यप्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी – वर्ष 2020-एवं 2021 के सम्मान घोषित

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? मध्यप्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी – वर्ष 2020-एवं 2021 के सम्मान घोषित ?

तुलसी साहित्य अकादमी मुख्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2020-एवं 2021 के सम्मान घोषित किए-

तुलसी/रत्नावली सम्मान वर्ष -2020

तुलसी शिखर सम्मान-2020

1-डा.संगम लाल भंवर प्रतापगढ़

तुलसी सम्मान 2020

1-श्री मांगन मिश्र मार्तण्ड -बिहार

2- श्री भगवान लाल वंशीवाल भला -बागोल राजस्थान

3-डा. किशन तिवारी भोपाल म.प्र

4-श्री ध्रुव नारायण सिंह राई सुपौल बिहार

5-श्री अशोक व्यास भोपाल म.प्र.

6-श्री तरुण कुमार दाधीच उदयपुर राजस्थान

7-श्री नर्मदा प्रसाद कोरी छिंदवाड़ा म.प्र.

8-श्री विजय नेमा जबलपुर

9- श्री देवी सहाय पाण्डेय अयोध्या उ.प्र.

10- डा.देवदत्त द्विवेदी “सरस” बड़मलहरा छतरपुर म.प्र.

11-सतीश श्रीवास्तव सागर भोपाल म.प्र.

रत्नावली शिखर सम्मान-2020

1-डा.राजलक्ष्मी कृष्णन चैन्नई

रत्नावली सम्मान 2020

1-डा.वर्षा ढोबले

2-श्रीमती शशि लढ़िया जबलपुर

3- श्रीमती सुनीता शर्मा सिद्धी भोपाल म.प्र.

4-श्रीमती मंजू मनीषा भोपालम.प्र.

5- श्रीमती प्रतिभा पाटिल सतना म.प्र.

 

तुलसी /रत्नावली सम्मान 2021

तुलसी शिखर सम्मान

1-श्री एन.एस.चौहान इंदौर

तुलसी सम्मान 2021

1- श्री हरिवल्लभ शर्मा “हरि” भोपाल म.प्र.

2-श्री गोपाल सिंह सिसोदिया दिल्ली

3-श्री धरमचंद मेहता “शशि” श्रीनाथद्वारा राजस्थान

4-डा.सतीश चंद्र शर्मा सुधांशु बिसौली बदायूँ उ.प्र.

5-श्री जगदीश शर्मा सहज अशोक नगर म.प्र.

6-श्री शिवकुमार दीवान भोपाल म.प्र.

7-श्री सुशील कुमार वैभव पन्ना म.प्र.

8-प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रतापगढ़ उ.प्र.

9- श्री दयाराम वर्मा जयपुर राजस्थान

10-श्री सुरेश पटवा भोपाल म.प्र.

11- डा.आर.पी.तिवारी “राजेन्द्र” टीकमगढ़ म.प्र.

12-श्री संतोष नेमा जबलपुर म.प्र.

13-श्री राजेश पाठक जबलपुर म.प्र.

रत्नावली सम्मान-2021

रत्नावली शिखर सम्मान

1-श्रीमती कान्ता राय भोपाल म.प्र.

1-श्रीमती साधना श्रीवास्तव भोपाल म.प्र.

2- डा मंजरी चतुर्वेदी भोपाल

3- प्रभा विश्वकर्मा जबलपुर

 – साभार श्री संतोष नेमा ‘संतोष’  

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से आप सब का हार्दिक अभिनंदन एवं बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन –  सुश्री अरुणा मुल्हेरकर आणि  सौ राधिका भांडारकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

?संपादकीय निवेदन?

       

?  सुश्री अरुणा मुल्हेरकर आणि  सौ राधिका भांडारकर – अभिनंदन ?

ई – अभिव्यक्तीच्या लेखिका व कवयत्री सुश्री अरुणा मुल्हेरकर आणि  सौ राधिका भांडारकर  यांचा अनुक्रमे तरंग (काव्यसंग्रह ) व लव्हाळी (ललित लेख संग्रह ) ९ ऑगस्ट रोजी संगमनेर येथे प्रकाशित झाले  आहेत.  त्याबद्दल त्यांचे अभिनंदन व पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.

आजच्या ई – अभिव्यक्तीच्या अंकात तरंग काव्यसंग्रहाचा परिचय करून देत आहेत, सौ. राधिका भांडारकर

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

श्रीमती उज्ज्वला केळकर 

Email- [email protected] WhatsApp – 9403310170

श्री सुहास रघुनाथ पंडित 

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सौ. मंजुषा मुळे

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≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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