सुश्री प्रभा सोनवणे
कविता
☆ प्यारी हिंदी… ☆ सुश्री प्रभा सोनवणे ☆
☆
बहुत ही मधूर है हमारी हिंदी भाषा ,
हिंदी है भारत की राष्ट्रभाषा,
*
जबसे सिखी हिंदी मैंने,
अपने स्कूल के दिनों में,
मातृभाषा नही है फिर भी,
छा गयी दिल और दिमाग पर।
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रेडिओ सिलोन के गीतों में सुनी,
सुनी आमीन सायानी जी की बातों में,
पढ़ी मुन्शी प्रेमचंद के पाठ में,
और सुभद्राकुमारी चौहान की कविता में,
गुलशन नंदा के उपन्यासों में….
राजेंद्र यादव के ‘सारा आकाश’ में।
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देखी हिंदी अनगिनत फिल्मों में,
कवी प्रदीप,
नीरज, आनंद बक्षी, योगेश,
माया गोविंद के गीतों में से,
उतर गयी सीधे दिल में।
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हिंदी है बहुत ही मीठी,
हिंदी का अलग है लहजा,
मेरी प्यारी हिंदी, मुझको,
तेरा वह अंदाज दे जा…
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© प्रभा सोनवणे
१६ जून २०२४
संपर्क – “सोनवणे हाऊस”, ३४८ सोमवार पेठ, पंधरा ऑगस्ट चौक, विश्वेश्वर बँकेसमोर, पुणे 411011
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≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ.उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈