श्री प्रदीप शर्मा
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी – “कुछ क्षणिकाएं…“।)
अभी अभी # 684 ⇒ कुछ क्षणिकाएं
श्री प्रदीप शर्मा
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कौन रोकता है किसे
मन की बात कहने से
लेकिन कहो,
सिर्फ अपनों से !
*
नकल में,
न आज मेहनत होती है
न कल !
फिर आपके माथे पर
क्यों सल …?
*
शिकायतों का दौर कुछ
ऐसा चला !
हम उनसे शुक्रिया कहना
तक भूल गए …
*
रेल की पटरी !
देखो दोनों की
कैसी पट रही
दोनों साथ साथ
चल रही …!!
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© श्री प्रदीप शर्मा
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