सुश्री प्रभा सोनवणे “कात्यायनी”

चिट्ठियाँ 

(प्रस्तुत है ज्येष्ठ मराठी साहित्यकार सुश्री प्रभा सोनवणे जी  की  भावप्रवण कविता  “चिट्ठियाँ “)

 

अक्सर हमे मिलने आती है चिट्ठियाँ

चाहत भरे नगमे गाती है चिट्ठियाँ

 

आहट तुम्हारे पैरों की जब आती है

खबर कोई मीठी लाती है चिट्ठियाँ

 

चिठ्ठी नही यह तो मेरी धडकन ही है

दर्द कितने सनम छुपाती है चिट्ठियाँ

 

छोडा हमारे ख्वाबों को तन्हाँ तुमने

यादे तुम्हारी संजोती है चिट्ठियाँ

 

वादा कभी कोई करके भुला भी दे

आँसू बहाती है रोती है चिट्ठियाँ

 

रौनक’ प्रभा’ तुमने माँगी अंधेरोंसे

किस्मत यहाँ पर चमकाती है चिट्ठियाँ

 

© प्रभा सोनवणे”कात्यायनी”

गणराज ,135/2 सोमवार पेठ पुणे 411011 (महाराष्ट्र)

मोबाईल -9270729503

Please share your Post !

Shares
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

3 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

खुब छान सुन्दर

Smita

Nice lines madam

डॉ भावना शुक्ल

अति सुंदर भाव