सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री राजीव पुजारी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री राजीव पुजारी

💐अ भि नं द न 💐

प्रामुख्याने ‘अंतराळ विज्ञान‘ या विषयावर अभ्यासपूर्ण आणि विस्तृत लेखन सातत्याने करणारे आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखक म्हणजे श्री. राजीव पुजारी. “अंतराळ वेध“ या नावाचे त्यांचे पुस्तकही नुकतेच प्रकाशित झाले आहे. आता ‘सर्वद फौंडेशन, मुंबई यांच्यातर्फे साहित्यातील भरीव आणि प्रचंड कार्याबद्दल दिला जाणारा सन्मान्य राज्यस्तरीय स्टार साहित्य पुरस्कार“ (२०२४) श्री. पुजारी यांना दिला जात आहे.

💐ई-अभिव्यक्ती समूहातर्फे श्री. पुजारी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी असंख्य हार्दिक शुभेच्छा. 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – आज जागतिक महिला दिन… – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

💐 आज जागतिक महिला दिन… अ भि नं द न 💐

💐 आपल्या समूहातील सर्व लेखिका, कवयित्री, आणि सर्व महिला-वाचकांना आजच्या या विशेष दिवशी अभिवादन आणि हार्दिक शुभेच्छा. 💐

“ यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते.. रमन्ते तत्र देवता :  “.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा श्री संजय भारद्वाज को छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता सम्मान – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा श्री संजय भारद्वाज को छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता सम्मान – अभिनंदन 

पुणे के सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार, स्तंभलेखक एवं समाजसेवी श्री संजय भारद्वाज जी को महाराष्ट्र सरकार की महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023-24 का छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि श्री संजय भारद्वाज जी हिंदी आंदोलन परिवार के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। हिंदी आंदोलन परिवार विगत तीस वर्ष से पुणे में हिंदी और भारतीय भाषाओं के विभिन्न साहित्यिक आयोजनों द्वारा राष्ट्रीय एकता के लिए अनवरत कार्य कर रहा है। हिंआंप अब तक लगभग 300 ऐसे कार्यक्रम कर चुका।

कवि, लेखक, नाटककार, समीक्षक, रंगकर्मी, संचालक, हिंदी प्रचारक, अनुवादक, संपादक के रूप में संजय भारद्वाज की विशिष्ट सेवाएँ हैं। विभिन्न विधाओं में उनकी 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। गत पाँच वर्ष से देश के चार समाचारपत्रों में अविराम प्रकाशित उनका साप्ताहिक स्तंभ ‘संजय उवाच’ विशेष लोकप्रिय है। ‘संजय दृष्टि’ नामक उनका दैनिक स्तंभ भी लगभग पाँच वर्ष से जारी है। ऑस्कर अवार्ड कमेटी की दो तकनीकी पुस्तकों का आपने अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। आकाशवाणी के लिए रेडियो.नाटक और रूपकों का लेखन आपने किया है। आपके बड़ी संख्या में नाटक और एकांकी लिखे हैं। 30 से अधिक डॉक्युमेंट्री फिल्में आपने लिखी हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के हिंदी मंडल, महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिति महामंडल के हिंदी विषयक कार्यसमूह, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। डीडी सह्याद्रि के ‘साहित्य सरिता’ कार्यक्रम के अनेक अंकों के लिए अतिथि संचालन किया। आप एक वृद्धाश्रम के न्यासी भी हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी को 50 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं। इनमें हिन्दी साहित्य तथा रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभादेवी पाटील के हाथों ‘ विश्व वागीश्वरी सम्मान’, हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग’ द्वारा ज्ञानपीठ विजेता डॉ. निर्मल वर्मा के हाथों ‘सम्मेलन सम्मान’, श्रेष्ठ हिंदी साहित्य और समाज सेवा के लिए पद्मभूषण पं झाबरमल शर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार कोलकाता, हिंदी साहित्य की सेवा के लिए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ‘साहित्य सेवा सम्मान’, साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा साहित्य सेवा सम्मान, विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच सेतु का काम करने के लिए गुरुकुल प्रतिष्ठान, पुणे द्वारा ‘अंतरभारती सम्मान’, हिंदी-उर्दू के बीच पुल का काम करने के लिए ‘अमीने- अदब’ सम्मान आदि प्रमुख हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी ने इस पुरस्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह वागीश्वरी माँ सरस्वती की अनुकंपा, माँ-पिता के आशीर्वाद और परिजनों- आत्मीयजनों की स्वस्तिकामनाओं का परिणाम है। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सचिव

हिंदी आंदोलन परिवार

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री संजय भारद्वाज जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य के गुरू द्रोण : डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र” जी – विनम्र श्रद्धांजलि ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏 💐 साहित्य के गुरू द्रोण : डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र” जी – विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

विगत दिवस ‘जबलपुर व्यंग्यम परिवार’ के सदस्यों द्वारा साहित्य के गुरु द्रोण डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र ” जी को भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

जय नगर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश के ख्यातिलब्ध कथाकार एवं व्यंग्यकार डॉ. कुंदन सिंह परिहार ने श्री ‘सुमित्र’ जी के साथ बीते हुए समय को याद करते हुए कहा कि श्री सुमित्र जी के जाने से वह पीढ़ी समाप्त हो गई जो जबलपुर और देश प्रदेश के साहित्यकारों के व्यक्तिव और कृतित्व के इतिहास के साथ उन्होंने ख्याति लब्ध साहित्यकारों के साथ समय गुजारा था. सुमित्र जी ने नये लोगों को भरपूर प्रोत्साहन दिया और लेखकों की एक पीढ़ी तैयार की. सुमित्र जी का एक व्यंग्य संग्रह भी प्रकाशित हुआ, उन्होंने नयी पीढ़ी को व्यंग्य लिखने की प्रेरणा दी.

प्रसंगवश वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री अभिमन्यु जैन ने स्व. सुरेश सरल जी के संदर्भ में कहा कि जैसा उनका नाम है वे उतने ही सरल और सहज थे उन्होंने कहा जब व्यंग्य स्थापित होने के लिए संघर्ष कर रहा था एसे समय उन्होंने बहुत ही उत्कृष्ट व्यंग्य के साथ साथ व्यंग्य कॉलम भी लिखे.  उनके लिखे व्यंग्य से व्यंग्य लिखने वालों की एक पीढ़ी तैयार हुई.  उन्होंने महान जैन साधक संत पर विद्याधर से विद्यासागर नामक उपन्यास लिखा जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई.  उन्होंने अनेक जैन साधु संत पर पुस्तकें लिखी हैं. स्व सुमित्र जी ने नयी पीढ़ी को व्यंग्य लिखने की प्रेरणा दी.

श्रद्धांजलि सभा – रविवार 3 मार्च 2.30 से 4.30 बजे आर्य समाज भवन, नेपियर टाउन जबलपुर 👉 https://www.youtube.com/live/MrWWSEmoTp0?si=Cd5YwOdmbjvJbCn6 

वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री यशोवर्धन पाठक जी ने कहा मैं उनके कारण ही लेखक बना. व्यंग्यकार पत्रकार श्री प्रतुल श्रीवास्तव जी ने उनकी सरलता की चर्चा करते हुये उनके व्यक्तित्व और समाज को दिय अवदान को रेखांकित किया. कवि व्यंग्यकार श्री सुरेश विचित्र जी एवं कहानी-व्यंग्यकार रमाकांत ताम्रकार ने उनके साथ अपने अपने अनुभव साझा किए.

इस अवसर पर संस्कार धानी के व्यंग्यकार एवं जैन मुनियों पर केंद्रित साहित्य की रचना करने वाले सुप्रसिध्द श्री सुरेश सरल जी, साहित्यकार, शिक्षाविद श्री गोकर्ण नाथ शुक्ल जी तथा समाजसेविका, शिक्षाविद श्रीमती अंजलि शुक्ला के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की.  इस अवसर पर जबलपुर व्यंग्यम परिवार के सर्व श्री द्वारका गुप्त,  श्री यू एस दुबे,  श्री ओ. पी.  सैनी,  श्री दया शंकर मिश्रा उपस्थित थे.  संचालन देश के प्रसिद्ध कहानी और व्यंग्य लेखक श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ने किया।

🙏 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – पुस्तक प्रकाशन : – श्री राजीव पुजारी आणि श्री प्रदीप केळूसकर ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री राजीव पुजारी 

💐अ भि नं द न 💐

विशेषतः ‘अंतराळ-विज्ञान‘ हा सहजपणे न समजणारा विषय आपल्या सुबोध शैलीमुळे सोप्पा करून त्याची तपशीलवार माहिती आपल्या वाचकांना उपलब्ध करून देणारे आपल्या समूहातील लेखक म्हणजे श्री. राजीव पुजारी हे होत. नुकतेच त्यांनी लिहिलेले “अंतराळवेध“ हे असेच उपयुक्त माहितीपूर्ण पुस्तक प्रकाशित झाले आहे. यासाठी श्री. पुजारी यांचे आपल्या अभिव्यक्ती समूहातर्फे हार्दिक अभिनंदन, आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी मनःपूर्वक शुभेच्छा. 

श्री प्रदीप केळुसकर

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या अभिव्यक्ती समूहासाठी वेगवेगळ्या विषयांवरच्या सुरेख कथा नियमितपणे सादर करणारे कथाकार श्री. प्रदीप केळुसकर यांच्या बक्षिसपात्र ठरलेल्या सतरा कथांचा संग्रह “माणिकमोती“ या शीर्षकांतर्गत नुकताच प्रकाशित झाला आहे. त्याबद्दल आपल्या सर्वांतर्फे श्री. केळुसकर यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि लोकप्रिय अशा विपुल साहित्य निर्मितीसाठी हार्दिक शुभेच्छा. 

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ “हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम” विषय पर “महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी” द्वारा “राष्ट्रीय संगोष्ठी “का सफल आयोजन ☆ साभार सुश्री इंदिरा किसलय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 “हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम” विषय पर “महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी” द्वारा “राष्ट्रीय संगोष्ठी “का सफल आयोजन 🌹

वसंत पंचमी एवं निराला जयंती पर सम्मानित हुये सुधी साहित्यकार

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई एवं महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा पुणे के संयुक्त तत्वावधान में वसंत पंचमी के अवसर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें साहित्य में प्रभु राम, माँ सरस्वती एवं निराला जयंती  पर सुधी वक्ताओं ने अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किये।

मीरा जोगलेकर द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं अतिथियों के सत्कार के उपरान्त म .रा. हि. सा .अकादमी के कार्यकारी सदस्य श्री अजय पाठक ने राम मंदिर निर्माण और एतद् विषयक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को विस्तार से समझाया।साथ ही राम कथा में कैकेयी की भूमिका को सर्वथा नूतन पार्श्व दिये।

मुख्य वक्ता हेमलता मिश्र मानवी ने रामचरितमानस, वाल्मीकि रामायण को केन्द्र में रखते हुये मैथिलीशरण गुप्तजी की पंक्तियों से वक्तव्य समाप्त किया—राम तुम्हारा नाम  स्वयं ही काव्य है।कोई कवि बन जाये सहज संभाव्य है।

ओजस्वी युवा कवयित्री श्रद्धा शौर्य ने अपनी जोशीली कविताओं से समां बाँध दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार इन्दिरा किसलय ने कहा कि निराला को समग्रतः समझने के लिये निराला होना पड़ता है।लपट की तासीर जानने को लपट होना पड़ता है।

सूर्यकान्त मणि को रत्नराज कहा जाता है।निराला साहित्य जगत में यही स्थान रखते हैं।

विशेष अतिथि रा .तु .म. विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ मनोज पाण्डेय ने प्रभु राम एवं निरालाजी पर सारगर्भित विचार रखे।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय  वर्धा के अधिष्ठाता प्रो .कृष्णकुमार सिंह ने मानस की सरस भावाकुल व्याख्या की।हिंदी साहित्य में प्रभु राम कई भावों में चित्रित, वर्णित एवं अलौकिक रूप में हैं।ऐसे सत् साहित्य को जन जन तक पहुँचाना चाहिए।

म. रा .हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य श्री जगदीश थपलियाल भी मंच को शोभित कर रहे थे।विनोद शर्मा ने”मेरी चौखट पर चलकर प्रभु श्री राम आये हैं” भजन गाकर श्रोताओं में भक्ति रस का संचार किया।

हिंदी की उत्कृष्ट सेवा हेतु”हिंदी सेवा सम्मान 2024″ से साहित्यकार सर्व– रीमा दीवान चड्ढा,सतीश लाखोटिया,तन्हा नागपुरी,अमिता शाह,माधुरी मिश्रा मधु,मीरा जोगलेकर,डाॅ राम मुळे, टीकाराम साहू आजाद,संकेत नायक,माधुरी राऊलकर,एवं विनोद शर्मा को स्मृति चिह्न शाॅल एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी का कुशल साहित्यिक/संयोजन संचालन श्री विनोद नायक तथा आभार प्रदर्शन संजय सिन्हा ने किया।

इस अवसर पर सुनील नायक,अजय पाण्डेय,कृष्णकुमार तिवारी,कमलेश चौरसिया,डाॅ शारदा रोशनखेड़े,निर्मला पाण्डेय,सुबोध शाह,नीरजा नायक, रूबी दास अरु,रीता नायक,स्नेहा शर्मा,आशु लाखोटिया,दक्षेश नायक,प्रमोद गोडे,शिवेश नायक,किशन विश्वकर्मा,चन्द्रकान्त बिल्लोरे,भाविका रामटेके,मंदा बागडे,एवं सुरेन्द्र हरडे आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

साभार –  सुश्री इंदिरा किसलय 

नागपुर, महाराष्ट्र   

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ रचनाएँ आमंत्रित – साप्ताहिक स्तम्भ – कहां गए वे लोग? ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय संपादक ई-अभिव्यक्ति (हिन्दी)☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

🌹रचनाएँ आमंत्रित – साप्ताहिक स्तम्भ – कहां गए वे लोग? 🌹

आपकी अपनी प्रिय वेब पत्रिका ‘ई-अभिव्यक्ति’ जिसे हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी के लाखों पाठक प्रतिदिन पढ़ते और पसंद करते हैं में  इस सप्ताह से प्रत्येक सोमवार को साप्ताहिक स्तम्भ – कहाँ गए वे लोग? का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया है। इस स्तम्भ को हमारे प्रबुद्ध पाठकों का अभूतपूर्व प्रतिसाद मिल रहा है। 

इस ऐतिहासिक स्तम्भ में हम अपने आसपास की ऐसी महान हस्तियों की जानकारी प्रकाशित करते हैं जो आज हमारे बीच नहीं हैं किन्तु, उन्होने देश के स्वतंत्रता संग्राम, साहित्यिक, सामाजिक या अन्य किसी क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किया है।  

इस संदर्भ में आपसे अनुरोध है कि आपअपने क्षेत्र की ऐसी महान हस्तियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर उनके उल्लेखनीय कार्यों का विवरण लिखकर उनकी एक फोटो के साथ हमें वाट्स अप नंबर 9977318765 पर प्रेषित करें। साथ ही अपना परिचय और फोटो भी प्रकाशनार्थ प्रेषित कीजिये। 

संपर्क – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, संपादक ई-अभिव्यक्ति (हिन्दी), मोबाइल न – 9977318765)

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ अनंत में विलीन – विनम्र श्रद्धांजलि ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏 💐 वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ अनंत में विलीन – विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

जबलपुर। प्रतिष्ठित साहित्यकार, लगभग 40 कृतियों के रचयिता, पाथेय साहित्य कला अकादमी के संस्थापक कविवर डॉ. राजकुमार तिवारी सुमित्र का कल दिनांक 27 फरवरी 2024 को रात्रि 10 बजे 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

आप डॉक्टर भावना तिवारी, श्रीमती कामना, एवं चिरंजीव डॉ. हर्ष कुमार तिवारी के पिता, बाल पत्रकार बेटी प्रियम के पितामह एवं हम सब साहित्य अनुरागियों तथा नए युवा साहित्यकारों के  प्रेरणा स्रोत अब हमारी स्मृतियों में शेष रहेंगे।

70 के दशक से सतत गुरुवर का  मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद मेरे लिए अविस्मरणीय है। ई-अभिव्यक्ति में आपके “साप्ताहिक स्तम्भ – सुमित्र की लेखनी से” को अब विराम मिल गया।  

डॉ. सुमित्र ने अनेक समाचार पत्रों में सम्पादकीय सेवाएं दी ।आप प्रदेश ही नही, सम्पूर्ण देश की साहित्यिक धारा के संवाहक रहे। लगभग 6 दशक उन्होंने साहित्य की अप्रतिम सेवा की।

  – हेमन्त बावनकर, पुणे  

🙏 मैं पीढ़ा का राजकुंवर हूँ… के सृजनकर्ता सुमित्र जी का महाप्रयाण – श्री गिरीश बिल्लोरे मुकुल 🙏

70 के दशक में अगर किसी महान  व्यक्तित्व से मुलाकात हुई थी तो वे थे डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र” जी।

सुमित्र जी के माध्यम से साहित्य जगत को पहचान का रास्ता मिला था। गौर वर्णी काया के स्वामी, मित्रों के मित्र, और राजेश पाठक प्रवीण के  साहित्यिक गुरु डॉक्टर राजकुमार सुमित्र जी के कोतवाली स्थित आवास में देर रात तक गोष्ठियों में शामिल होना, अपनी बारी का इंतजार करना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता था उनके व्यक्तित्व से लगातार सीखते रहना। स्व. श्री घनश्याम चौरसिया “बादल” के माध्यम से उनके घर में आयोजित एक कवि गोष्ठी में स्वर्गीय बाबूजी के साथ देर रात तक हुई बैठक में लगा कि यह कवि गोष्ठी नहीं बल्कि कवियों को निखारने की कार्यशाला है।

धीरे-धीरे कभी ऐसी घरेलू बैठकों की आदत सी पड़ चुकी थी। वहीं शहर के नामचीन साहित्यकारों से मुलाकात हुआ करती थी। उनके कोतवाली के पीछे वाले घर को साहित्य का मंदिर कहना गलत न होगा।

तट विहीन तथाकथित प्रगतिशील कविताओं के दौर में गीत, छंद, दोहा सवैया, कवित्त, आदि के अनुगुंजन ने लेखन को नई दिशा दी थी।

गेट नंबर 2 के पास स्थित नवीन दुनिया प्रेस में बतौर साहित्य संपादक सुमित्र जी द्वारा नारी-निकुंज औसत रूप से सर्वाधिक बिकने वाला संस्करण हुआ करता था।

हमें भी दादा अक्सर पूरे अंक में लिखने की छूट देते थे। कविता के साथ कंटेंट क्रिएशन की शिक्षा शशि जी और सुमित्र जी से ही हासिल की है।

अभी-अभी पूज्य सुमित्र जी के महाप्रयाण का समाचार राजेश के व्हाट्सएप संदेश के जरिए मिला।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राजकुमार तिवारी सुमित्र का निधन जबलपुर के साहित्यिक समाज के लिए एक दुखद प्रसंग है। नए स्वर नए गीत कार्यक्रम की श्रृंखला प्रारंभ कर पूज्य गुरुदेव सुमित्र जी ने सार्थक सृजन को दिशा प्रदान की है। वे अक्सर कहते थे कि-“उससे बड़ा सौभाग्यशाली कोई नहीं जिसके घर में साहित्यकारों के चरणरज न गिरें।”

अपने आप को पीड़ा का राजकुमार कहने वाले दादा ने ये भी कहा – ” दर्द की जागीर है, बाँट रहा हूँ प्यार।”

गायत्री कथा सम्मान के संस्थापक सुमित्र जी नगर के हर एक रचना कार्य और साहित्य साधकों के केंद्र बिंदु हुआ करते थे। उनकी साहित्यिक सक्रियता से शहर जबलपुर साहित्य साधना का केंद्र था। सृजनकर्ता को दुलारना,उसे मजबूती देना, यहां तक की प्रकाशित करना भी उनका ही दायित्व बन गया था। हम तो उनके आजीवन ऋणी है।

जबलपुर ही नही प्रदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, लगभग 40 कृतियों के रचयिता, पाथेय साहित्य कला अकादमी के संस्थापक कविवर डॉ. राजकुमार तिवारी सुमित्र का आज दिनांक 27 फरवरी 2024 को  रात्रि 10  बजे 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया ।

सुमित्र जी डॉक्टर भावना तिवारी, श्रीमती कामना , एवं चिरंजीव डॉ. हर्ष कुमार तिवारी के पिता, बाल पत्रकार बेटी प्रियम के पितामह एवं हम सब साहित्य अनुरागीयों तथा नए युवा साहित्यकारों के  प्रेरणा स्रोत अब हमारी स्मृतियों में शेष रहेंगे।

डॉ. सुमित्र ने अनेक समाचार पत्रों में सम्पादकीय सेवाएं  दी ।

आप प्रदेश ही नही. देश, प्रदेश की साहित्यिक धारा के संवाहक रहे। यूरोप में भी भारतीय साहित्य का परचम लहराने वाली इस शख्सियत ने लगभग सात दशक साहित्य की अप्रतिम सेवा की है।

 – श्री गिरीश बिल्लोरे मुकुल, जबलपुर 

🙏 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट की बाल साहित्य लेखन प्रतियोगिता 2023 में बाल साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ पुरस्कृत – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट की बाल साहित्य लेखन प्रतियोगिता 2023 में बाल साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ पुरस्कृत – अभिनंदन 

नई दिल्ली, 15 फरवरी 2024: चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट (सीबीटी) ने अपनी वार्षिक बाल साहित्य लेखन प्रतियोगिता 2023 के पुरस्कारों की घोषणा की है। प्रतियोगिता में विभिन्न वर्गों में 100 से अधिक पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

प्रथम वर्ग उपन्यास में ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनके उपन्यास “किले के रहस्यमय रहस्य” के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें ₹20,000 का नकद पुरस्कार और उनकी पुस्तक का सीबीटी द्वारा प्रकाशन भी होगा। जबकि इस वर्ग में प्रथम पुरस्कार किसी को नहीं दिया गया है। इस हिसाब से श्री क्षत्रिय को सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया है।

ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ एक प्रसिद्ध बाल साहित्यकार हैं जिन्होंने कई पुरस्कार विजेता पुस्तकें लिखी हैं। उनकी पुस्तकें बच्चों में लोकप्रिय हैं और उन्हें उनकी रोचक कहानियों और सरल भाषा के लिए जाना जाता है।

चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है जो बच्चों के लिए पुस्तकों का प्रकाशन और वितरण करता है। यह संगठन बच्चों में साहित्यिक रुचि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है।

सीबीटी की बाल साहित्य लेखन प्रतियोगिता बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह प्रतियोगिता नए लेखकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करती है।

यह पुरस्कार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह पुरस्कार उनके लेखन कौशल को दर्शाता है और बच्चों के लिए उनकी प्रतिबद्धता को स्वीकार करता है।

सीबीटी सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता है और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।

यह पुरस्कार बच्चों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होगा और उन्हें अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट बच्चों को पढ़ने की आदत विकसित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह संगठन बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पुस्तकों को प्रकाशित करने और वितरित करने के लिए अपना काम जारी रखेगा।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.पुष्पा प्रभुदेसाई

💐अ भि नं द न 💐

विश्व योग दर्शन  केंद्र, मिरज या संस्थेतर्फे आयोजित  योग निबंध स्पर्धेत आपल्या समुहातील  ज्येष्ठ  लेखिका सौ.पुष्पा प्रभुदेसाई यांना प्रथम पुरस्कार  प्राप्त  झाला आहे.

💐  ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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