श्री राजेन्द्र तिवारी

(ई-अभिव्यक्ति में संस्कारधानी जबलपुर से श्री राजेंद्र तिवारी जी का स्वागत। इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवाएं देने के पश्चात मध्य प्रदेश पुलिस में विभिन्न स्थानों पर थाना प्रभारी के पद पर रहते हुए समाज कल्याण तथा देशभक्ति जनसेवा के कार्य को चरितार्थ किया। कादम्बरी साहित्य सम्मान सहित कई विशेष सम्मान एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित, आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा वार्ताएं प्रसारित। हॉकी में स्पेन के विरुद्ध भारत का प्रतिनिधित्व तथा कई सम्मानित टूर्नामेंट में भाग लिया। सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय रहा। हम आपकी रचनाएँ समय समय पर अपने पाठकों के साथ साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता सबको गले लगाना है…’।)

☆ कविता – सबको गले लगाना है… ☆

(रिटायर्ड भाइयों के लिए – एक कविता)

अभी भ्रमित ना होना राही,

अभी नहीं रुक जाना है,

अभी तो केवल पथ बदला है,

 अब आगे बढ़ते जाना है,

सूरज बनकर नभ में छाए,

 कभी नहीं विश्राम किया,

 कर्मशील और लगन शीलता,

 साथ सभी के काम किया,

 कर्म पथ के शूल हटाकर

 पथ पर फूल बिछाना है,

अभी तो केवल पथ बदला है,

 अब आगे बढ़ते जाना है,

शिवजी की बारात के जैसे,

 भांति भांति के लोग मिले,

 कुछ तो गला काटने आए,

 कुछ आकर के गले मिले,

  सारी बातें बिसरा कर,

  सबको गले लगाना है,

 अभी तो केवल पथ बदला है,

© श्री राजेन्द्र तिवारी  

संपर्क – 70, रामेश्वरम कॉलोनी, विजय नगर, जबलपुर

मो  9425391435

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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