ई-अभिव्यक्ति: संवाद-28 – हेमन्त बावनकर
ई-अभिव्यक्ति: संवाद–28
यह जीवन चक्र है जिसमें हम जीते हैं। कभी मैंने लिखा था :
The Life after death
is definite
and
the journey
between life and death
is
definition of Life
हम जन्म से मृत्यु तक पाते हैं कि हर समय हमारे सिर पर किसी न किसी का हाथ होता है। वह हाथ माता पिता, गुरु, वरिष्ठ …… या वह वरिष्ठ पीढ़ी जिसने सदैव हमें मार्गदर्शन दिया है।
अभी 17 अप्रैल 2019 के अखबार में भारत सरकार का एक विज्ञापन देखा। मैं नहीं जनता कि कितने लोगों नें उस पर ध्यान दिया है और कितने व्योश्रेष्ठ इस सम्मान के लिए अपना आवेदन देंगे। इस व्योश्रेष्ठ सम्मान का विज्ञापन निम्नानुसार है।
विस्तृत जानकारी के लिए देखें www.socialjustice.nic.in
अब यह हमारा दायित्व बनता है कि हम ढूंढ ढूंढ कर ऐसी पीढ़ी के मनीषियों के लिए उनकी ओर से आवेदन भरने में मदद करें।
आज के लिए बस इतना ही।
हेमन्त बवानकर
24 अप्रैल 2019