ई-अभिव्यक्ति: संवाद-13 – हेमन्त बावनकर

ई-अभिव्यक्ति:  संवाद–13   

कल ई-अभिव्यक्ति-संवाद में हमने मुख्यतया दो विषयों पर चर्चा की थी उस आधार पर एक व्हाट्सएप्प ग्रुप www.e-abhivyakti.com बनाया गया है जिसके माध्यम से आपको प्रतिदिन प्रकाशित रचनाओं की जानकारी मिल सकेगी। हाँ, आप इस ग्रुप में कुछ पोस्ट नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको अपनी रचनाएँ एवं संवाद मेरे व्यक्तिगत व्हाट्सएप्प नंबर पर ही पोस्ट करना होगा अन्यथा आपकी पोस्ट तो लोग व्हाट्सएप्प पर ही पढ़ लेंगे और प्रकाशित रचनाओं का आनंद लेने से सभी वंचित रह जाएंगे। और मुझे प्रत्येक सम्माननीय लेखकों को उनकी प्रकाशित रचनाओं की सूचना अलग से देने की आवश्यकता नहीं होगी। मुझे खुशी है कि कई लेखकगण मेरी बात से सहमत हो गए हैं। मुझे पूर्ण आशा है कि आप भी मुझसे सहमत होंगे।

इसके अतिरिक्त हमने स्व-प्रकाशन (Self-Publication) के बारे में चर्चा की थी। इस प्रक्रिया से आज अधिकतर लेखक मित्र अवगत हैं। इस प्रक्रिया के कारण प्रिंट ऑन डिमांड (POD) की मांग अचानक ही बढ़ गई है। लेखक अपने पसीने की कमाई और अपने कठोर परिश्रम से पुस्तकें तो प्रकाशित कर लेते हैं किन्तु, वे अपनी पुस्तकों का बाजार नहीं बना पाते हैं। साहित्य की रचना करना एक बात है और उसका विक्रय करना दूसरी बात है।

मेरे अधिकतर मित्र मुद्रित संस्करणों के बारे में जानते हैं। यदि नवीन पीढ़ी की बात छोड़ दी जाए तो मेरी समवयस्क एवं वरिष्ठ पीढ़ी ई-बुक्स की तकनीकी जानकारी से अनभिज्ञ हैं। ई-बुक्स में अमेज़न, फ्लिपकार्ट, बुकबेबी जैसी ऑनलाइन प्रणालियाँ  ई-बुक्स के व्यापार में क्रांतिकारी साबित हुए हैं। हम ई-बुक्स को अपने मोबाइल, टेबलेट, लेपटोप, डेस्कटॉप आदि में डाउनलोड कर आसानी पुस्तक जैसे पढ़ सकते हैं।

लेखक गण अपनी पुस्तकों को आसानी से ई-बुक्स में परिवर्तित कर ऑनलाइन स्टोर्स में अपलोड कर बेच सकते हैं। अमेज़न की किंडल डाइरेक्ट पब्लिशिंग प्रक्रिया एक आसान प्रणाली है। संभवतः हमारे युवा लेखक इस प्रक्रिया को जानते हैं। यदि आप इस बारे में और ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो प्रथम लिंक पर लॉग-इन कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। द्वितीय लिंक के माध्यम से आप विस्तार से ई-बुक प्रकाशन की तकनीक सीख सकते हैं।

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मैं आशा करता हूँ कि मित्र लेखकों के लिए उपरोक्त जानकारी उपयोगी साबित होगी। इसके माध्यम से आप अङ्ग्रेज़ी के अतिरिक्त कई भारतीय भाषाओं में ई-बुक्स तैयार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भारत में भी नोशन प्रेस , पोथी डॉट कॉम आदि कई अन्य कंपनियाँ भी ई-बुक्स तैयार करने में मदद करते हैं। जिसके बारे में आप उनकी साइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आज बस इतना ही ।

हेमन्त बावनकर

29 मार्च 2019

(ई-बुक्स से संबन्धित उपरोक्त जानकारी  उपलब्ध कराने का उद्देश्य मात्र आपको इस प्रक्रिया से अवगत करना है एवं किसी भी प्रकार की मार्केटिंग कतिपय नहीं है। )