हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ मनोज साहित्य # 117 – वसंत पंचमी… ☆ श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” ☆

श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण रचना “वसंत पंचमी…”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 117 – वसंत पंचमी… ☆

माघ माह की पंचमी, शुक्ल पक्ष तिथि आज।

वीणा वादिनि शारदे, रखती सिर पर ताज।।

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विद्या की शुभ दायिनी, करती तम का नाश।

ज्ञान चक्षु को खोलती, काटे भ्रम का पाश।।

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ऋतु वसंत का आगमन, मन में भरे उमंग।

धरा मुदित हो नाचती, नेह प्रेम हुड़दंग।।

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खिलें पुष्प हर डाल पर, भ्रमर करें रसपान।

तितली झूमें बाग में, करते कवि ऋतु गान।।

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पीत वसन पहने धरा, लाल अधर कचनार।

शृंगारित दुल्हन चली, ऋतु वसंत गलहार ।।

 ©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈