हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ साहित्य निकुंज #219 ☆ – ख्वाब – ☆ डॉ. भावना शुक्ल ☆

डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं  आपकी  एक भावप्रवण रचना … ख्वाब)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 219 – साहित्य निकुंज ☆

☆ ख्वाब ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

ख्वाब आँखों से ऐसे न देखा करें

ख्वाब जन्नत ही ऐसी  दिखाते  फिरे ।

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ख्वाब देखो न तुम दिखाओ कभी

ख्वाब जीवन से होते है कितने परे।

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ख़्वाब देखे तो जीवन महकने लगा

ख्वाब में फूल ही फूल कितने झरे।

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ख़्वाब जब देखा तो ये लगा टूटने

ख्वाब में अश्क तो कितने ही गिरे।

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ख्वाब ने मुझको तो टूटने न दिया

ख्बाब में ख्वाब तो कितने ही धरे।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈