हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ आलेख # 65 – देश-परदेश – हिट एंड रन ☆ श्री राकेश कुमार ☆

श्री राकेश कुमार

(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ  की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” ज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)

☆ आलेख # 65 ☆ देश-परदेश – हिट एंड रन ☆ श्री राकेश कुमार ☆

आजकल उपरोक्त विषय को लेकर सब चर्चा कर रहें हैं। देश  के ट्रांसपोर्टर नए कानून के विरुद्ध चक्का जाम के लिए लाम बंद हैं। जब भी कोई परिवर्तन होता है, तो प्रभावित लोग उसके विरोध में खड़े हो जाते हैं।

सामाजिक मंचों पर इस बात को लेकर राजनीति करना और पक्ष /विपक्ष में विचार परोसने की प्रतिस्पर्धा आरंभ हो जाती हैं। लोगों का काम है कहना, किसी ने नव वर्ष पर मदिरालयों पर लगने वाली की लाइनों की तुलना पेट्रोल पंप पर लगी मीलों लंबी लाइनों से कर दी हैं। किसी ने इसको राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जोड़ दिया हैं।

बचपन में भी हम सब हिट एंड रन खेलते थे। मोहल्ले के बच्चों की पिटाई कर घर में दुबक जाते थे। वो बात अलग है, जब बच्चों की मां आकर इस बात का उल्लाहना देती थी, तो हमारी डंडे से हुई पिटाई आज तक जहन में हैं। शिकायतकर्ता के घर में लगी द्वारघंटी बजा कर आंटी को कुछ दिन तक तंग अवश्य किया जाता था।

वर्तमान में यदि आप किसी बच्चे से उसके पेरेंट्स को शिकायत करते हैं, तो बच्चों की पिटाई /कुटाई की बात तो अब इतिहास की बात हो गई है। उल्टा परिजन झूट बोल कर कह देंगे की हमारा बच्चा तो घर से बाहर ही नहीं निकलता हैं। इस प्रकार के व्यवहार से बच्चे भविष्य में आतंकवादी की श्रेणियों में शामिल हो जातें हैं।

“हिट एंड रन” का सबसे प्रसिद्ध किस्सा जिसके नायक बॉलीवुड के चर्चित नाम सलमान खान थे। उनके इस कृत से लोग मुंबई में  फुटपाथ पर रात्रि में सोते समय लोग आज भी  सजग रहते हैं।

आज के हिट और रन के विरोधियों से तो एक ही बात समझ में आती है ” चोरी और ऊपर से सीनाजोरी”। 

.© श्री राकेश कुमार

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≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈