हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 104 ☆ # एक दीप… # ☆ श्री श्याम खापर्डे ☆

श्री श्याम खापर्डे

(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है दीप पर्व पर आपकी एक भावप्रवण कविता “# एक दीप…#”

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 104 ☆

☆ # एक दीप… # ☆ 

इस दीपावली में दीप जलाइए

जग को आलोकित कीजिये  

 

एक दीप

अंधकार रूपी

तम, द्वेष, ईर्ष्या, नफरत और

हिंसा

को दूर करने के लिए

 

एक दीप

पर्यावरण के

बढ़ते विनाश को

रोकने के लिए

 

एक दीप

शहर में फैली हुई गंदगी

को दूर कर

तन और मन की

सफाई के लिए

 

एक दीप

उस महामानव के लिए

जिसने तुम्हें

जीने की राह दिखाई

 

एक दीप

उस गुरु के लिए

जिसने तुम्हें ज्ञान दिया

 

एक दीप

अपने माता पिता के लिए

जिन्होंने अपना सर्वस्व

तुम पर न्योछावर किया

श्रेष्ठ इंसान, सुपुत्र

बनाने के लिए

 

एक दीप

उन तमाम लोगों के लिए

जिन्होंने तुम्हें

जीवन के किसी ना किसी

मोड़ पर

कभी ना कभी

प्रभावित किया हो

 

एक दीप

उन निर्धन, असहाय

शोषित, पीड़ित, वंचित

समाज के लिए

 

एक दीप

उस झोपड़ी के द्वार पर

जहां से तुम ने कभी

अपने जीवन की

शुरुआत की थी /

© श्याम खापर्डे

फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो  9425592588

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈