हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ समय चक्र # 123☆ गीत – वंदेमातरम गाओ ☆ डॉ राकेश ‘चक्र’ ☆

डॉ राकेश ‘ चक्र

(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी  की अब तक 120 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  जिनमें 7 दर्जन के आसपास बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों  से  सम्मानित/अलंकृत। इनमें प्रमुख हैं ‘बाल साहित्य श्री सम्मान 2018′ (भारत सरकार के दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय द्वारा डेढ़ लाख के पुरस्कार सहित ) एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘अमृतलाल नागर बालकथा सम्मान 2019’। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिया जाना सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य भारती’ (धनराशि ढाई लाख सहित)।  आदरणीय डॉ राकेश चक्र जी के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें 👉 संक्षिप्त परिचय – डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी।

आप  “साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र” के माध्यम से  उनका साहित्य आत्मसात कर सकेंगे।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र – # 123 ☆

☆ गीत – वंदेमातरम गाओ ☆ डॉ राकेश ‘चक्र’ ☆

आजादी की नूतन बेला

फूलों – सा मुस्काओ।

घर – घर फहरे आज तिरंगा

पावन पर्व मनाओ।।

 

बलिदानों की गौरव गाथा

भारतवासी भूल न जाना

प्राण लुटाए हँसते – हँसते

वंदेमातरम बोल गाना

 

ऐक्य भाव से बढ़ती समृद्धि

मातृभूमि बलि जाओ।

आजादी की नूतन बेला

फूलों – सा मुस्काओ।।

   

जो भी अच्छा कर सकते हम

सदा देश हित जीवन जीएँ

याद भी करना भगत सिंह को

जीवन सत्य , प्रेम रस पीएँ

 

भोगवाद में डूब न जाना

निज कर्तव्य निभाओ।

आजादी की नूतन बेला

फूलों – सा मुस्काओ।।

 

जातिवाद और क्षेत्रवाद को

तूल नहीं देना है अच्छा।

भाषा तो सब ही हैं प्यारी

संस्कृति करे सभी की रक्षा।।

 

देश बढ़ेगा हिंदी से ही

निज भाषा अपनाओ।

आजादी की नूतन बेला

फूलों – सा मुस्काओ।।

 

राजनीति से उठकर देखो

हिंसा , दंगा मत फैलाओ।

मानवता के लिए जीएँ सब

कर्तव्यों को सभी निभाओ।।

 

मानव हैं तो अच्छा सोचें

सबको मित्र बनाओ।

आजादी की नूतन बेला

फूलों – सा मुस्काओ।।

 

© डॉ राकेश चक्र

(एमडी,एक्यूप्रेशर एवं योग विशेषज्ञ)

90 बी, शिवपुरी, मुरादाबाद 244001 उ.प्र.  मो.  9456201857

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈