हिन्दी साहित्य – कविता ☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.६४॥ ☆ प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.६४॥ ☆

 

हित्वा तस्मिन भुजगवलयं शम्भुना दत्तहस्ता

क्रीडाशैले यदि च विचरेत पादचारेण गौरी

भङ्गीभक्त्या विरचितवपुः स्तम्भितान्तर्जलौघः

सोपानत्वं कुरु मणितटारोहणायाग्रयायी॥१.६४॥

यदि भुजंग कंकण रहित शिव सहित

शैलपर , नृत्य मुद्रा निरत हों भवानी

तो भावमय भक्ति से धर उचित वेश ,

सोपान हो “मणि” तटारूढ़ मानी

 

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’   

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈