हिन्दी साहित्य – कविता ☆ काश कर सकूँ… ☆ श्री जयेश वर्मा

श्री जयेश वर्मा

(श्री जयेश कुमार वर्मा जी  बैंक ऑफ़ बरोडा (देना बैंक) से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हम अपने पाठकों से आपकी सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ समय समय पर साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता काश कर सकूँ)

यूट्यूब लिंक >> https://youtu.be/RbvnfV76mVI

☆ कविता  ☆ काश कर सकूँ… ☆ श्री जयेश वर्मा ☆

कभी तेरे चेहरे को हाथों में ले

नेह जता सकूँ 

कभी उन छलके हुए

आंसुओं को दिलासा दे सकूँ 

 

यूं तो छुपा लिए हैं तुमने

मुझसे दर्द आंसुओं के

वो चेहरा ही दिखा दो

छुपाया है मुझसे, तो बता सकूँ 

 

जो वक्त ने किया बेइंसाफ

तेरे चेहरे पे लकीर खेंच कर

जिसने कभी रुसवा, किसी को

बेइंसाफ नहीं किया..

 

©  जयेश वर्मा

संपर्क :  94 इंद्रपुरी कॉलोनी, ग्वारीघाट रोड, जबलपुर (मध्यप्रदेश)

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संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈