श्री प्रतुल श्रीवास्तव 

☆ समन्वय-सामंजस्य के जादूगर – शिक्षाविद डॉ. अभिजात कृष्ण ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

26 मार्च को जन्म दिवस पर विशेष –

अपने विद्यार्थियों, मित्रों, परिचितों सहित अपरिचितों की सहायता को भी सदा तत्पर रहने वाले सहज-सरल प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी श्री जानकीरमण महाविद्यालय के ऊर्जावान प्राचार्य डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी की व्यस्त दिनचर्या हैरान करने वाली है । उनके महाविद्यालय सम्बन्धी दायित्वों के निर्वहन, लोगों की मदद, साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक कार्यक्रमों में योगदान और नियमित अध्ययन, चिंतन-मनन के साथ-साथ विद्वतजनों से उनकी चर्चाओं के दौर को देखकर लगता है कि आखिर ये महानुभाव भोजन और विश्राम आदि कब करते होंगे ? आश्चर्य यह कि जब भी अभिजात से मिलो वो हमेशा तनाव मुक्त और ताजगी से भरे दिखाई देते हैं । आज के दौर में कर्म और सामाजिक दायित्वों के प्रति ऐसे समर्पित-निष्ठावान अनुज पर गर्व होता है ।

शिक्षाविद, साहित्यकार, पत्रकार स्व.पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी जी के यशस्वी पुत्र अभिजात कृष्ण हिन्दी में स्नातकोत्तर, पुस्तकालय विज्ञान एवं विधि में स्नातक हैं । आपने “पंडित गंगा प्रसाद अग्निहोत्री के साहित्य का समग्र अनुशीलन” विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है । अपनी विद्वत्ता, अध्यापन कौशल एवं प्रबंधन क्षमता के कारण अभिजात न सिर्फ अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों, सहयोगियों के चहेते हैं वरन नगर के अन्य महाविद्यालयों सहित विश्विद्यालय के जो भी छात्र और शिक्षक-कर्मचारी उनके संपर्क में आते हैं वे सदा के लिए उनके प्रशंसक बन जाते हैं ।

डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी द्वारा  विभिन्न महाविद्यालयीन एवं विश्वविद्यालयीन स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में लगभग दो दर्जन शोध पत्रों को प्रस्तुत किया जा चुका है जिनका प्रकाशन भी हुआ है । विविध विषयों पर लेख, विशिष्टजनों के साक्षात्कार एवं व्यक्तित्व-कृतित्व पर आलेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित व आकाशवाणी से प्रसारित होते रहते हैं । आपके संपादन में रचित प्रो.जवाहरलाल चौरसिया “तरुण” पर एवं प्रो. त्रिभुवननाथ शुक्ल पर अभिनंदन ग्रंथ, आंचलिका 2013, साहित्य सहोदर, गौवंश, साक्षी, कामधेनु तथा जबलपुर जिले का साहित्य गजेटियर आदि अति महत्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते हैं । आपके संयोजन में नवीन चतुर्वेदी द्वारा आदि शंकराचार्य पर लिखित नाटक नाट्य लोक संस्था के माध्यम से संजय गर्ग के निर्देशन में रीवा, दिधौरी एवं श्रीधाम में सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया जा चुका है । आपने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे श्रीजानकी महिला बैंड की स्थापना की और श्रीजानकीरमण मंदिर के भव्य पुनर्निर्माण का कार्य प्रारम्भ करा चुके हैं । महाविद्यालय में नए उपयोगी पाठ्यक्रमों की संरचना के लिए प्रयासरत हैं । महाविद्यालय प्रांगण में छात्र-छात्राओं के साथ ही नगर के साहित्य कला जगत के लिए उपयोगी संग्रहालय एवं प्रेक्षागृह बनाना भी आपके कार्यों की प्राथमिकता में शामिल है । आपके द्वारा कालेज अवधि के उपरांत यहां का सुसज्जित वर्तमान मंच, माइक और कुर्सियों सहित नगर की सभी  साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं को निःशुल्क प्रदान कर सकारात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है । योग निकेतन एवं आरोग्य मंदिर के द्वारा महाविद्यालय परिसर में प्रतिदिन निःशुल्क योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन किया जा रहा है । आपके मार्गदर्शन में महाविद्यालय की कीर्ति निरंतर बढ़ रही है । महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई को 51 हजार रुपये का नेशनल यंग अचीवर अवार्ड प्राप्त हुआ । छात्र/छात्राओं ने विभिन्न विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त किए । क्रीड़ा गतिविधियों में भी महाविद्यालय आगे है । छात्रा रागिनी मार्को को तीरंदाजी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक मिला । आशीष सोनकर (कुश्ती), देवेंद्र मिश्रा(योग), करण गुप्ता ने बॉक्सिंग में ख्याति अर्जित की । अभिजात जी मध्यप्रदेश शासन साहित्य अकादमी के माध्यम से वर्ष 2011 से पाठक मंच का संचालन कर रहे हैं जिसका लाभ नगर के साहित्यकारों को मिल रहा है । अनेक संस्थाओं-समितियों के पदाधिकारी और सदस्य के रूप में अभिजात जी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम सदा ही उद्देश्यपूर्ण होते हैं । शिक्षा जगत और समाज के लिए आपके योगदान पर आपको अनेक सम्मान/पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं ।

आज 26 मार्च को आपके जन्म दिवस पर सभी मित्रों, परिचितों, प्रशंसकों, विद्यार्थियों एवं ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से आपके स्वस्थ, सुदीर्घ, सक्रिय, यशस्वी जीवन की शुभकामनाएं । बधाई ।

– प्रतुल श्रीवास्तव

जबलपुर, मध्यप्रदेश

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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