सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में चंडीगढ़ का भी बड़ा योगदान है । कभी यहां डाॅ वीरेंद्र मेहंदीरत्ता ‘अभिव्यक्ति’ साहित्य गोष्ठी चलाते रहे जिसमें देश के बड़े से बड़े लेखक उनके लाॅन में रचना पाठ और विचार करने आते रहे । इनमें कृष्ण बलदेव वैद, रवींद्र कालिया , राकेश वत्स आदि शामिल रहे । इनमें मुझे भी अपनी कहानी जादूगरनी का पाठ करने का अवसर मिला । इसके साथ ही ‘अभिनेत’ संस्था भी चलाते जिसके माध्यम से बहुत बढ़िया नाटक प्रस्तुत किये जाते । अतुलवीर अरोड़ा इनमें अपने अभिनय से रंग भरते । यहीं फूलचंद मानव भी साहित्य संगम चलाते आ रहे हैं । आजकल ढकौली में चला रहे हैं । नये से नये विषय पर गोष्ठियों का आयोजन करते हैं । डाॅ जगमोहन चोपड़ा, सुशील हसरत नरेलवी और प्रेम विज भी साहित्यिक संस्थायें चलाते हैं । वैसे मैं प्रिय मित्र रमेश बतरा को भी याद कर रहा हूं क्योंकि एक समय शामलाल मेहंदीरत्ता प्रचंड की पत्रिका ‘साहित्य निर्झर’ का संपादन संभाल कर चंडीगढ़ को साहित्याकाश पर चमकता सितारा बना दिया था ।  इसके साथ ही अनेक गोष्ठियों का आयोजन भी किया । सुरेंद्र मनन ने भी पत्रिका निकाली थी । सभी मित्रों की गोष्ठियों में जाने का अवसर उन दिनों ज्यादा मिला जिन दिनों हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी निभाने को मिली । ये गोष्ठियां अब भी चल रही हैं लेकिन डाॅ वीरेंद्र मेंहदीरत्ता अब अस्वस्थ रहते हैं और उम्रदराज भी हो चुके हैं । फिर भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता जो उन्होंने चंडीगढ़ में साहित्यिक माहौल बनाने के लिये दिया ।

##रशाद कामिल को द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान : चंडीगढ़ की खूबसूरत यादों में एक याद है इरशाद कामिल जो हमारे साथ ही एक लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक ट्रिब्यून में कार्यरत रहे फिर मुम्बई की फिल्मी दुनिया में चले गये पर अपने पुराने साथियों से आज भी बराबर जुड़े हुए हैं । इरशाद को इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान प्रदान किया जा रहा है ।

इरशाद कामिल एक ऐसे गीतकार हैं जो सबसे ज्यादा पढ़े लिखे गीतकार हैं यानी हिंदी में डाक्टरेट कर रखी है ।  यह बात खुद इरशाद बड़े गर्व से कहते हैं । मूल रूप से पंजाब के मालेरकोटला से जुड़े इरशाद ने पंजाब विश्वविद्यालय से एम ए व पीएचडी की । उन्होंने अपना यह ऋण भी उतारा और पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग को लाखों रुपये दिये जिससे कि उनकी अम्मी के नाम पर दो एम ए तो एक पीएचडी स्कॉलर को प्रतिवर्ष छात्रवृति दी जाये ! इस अवसर पर भी मैं मौजूद रहा जब इनके बड़े भाई ने बताया कि मैं तो इसके लिए हिंदी ऑफिसर का फाॅर्म लेकर आया था लेकिन ये तो मुम्बई निकल गये ! इरशाद को पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला भी साहिर लुधियानवी अवाॅर्ड से नवाज चुका है और वहां भी इरशाद ने अपनी ओर से लाखों रुपये रिसर्च के लिए अर्पित किये । जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 22 जनवरी को इरशाद को सम्मानित किया जायेगा और एक लाख रुपये दिये जायेंगे । बहुत बहुत बधाई इरशाद !

##देहरादून में कविकुंभ शब्दोत्सव : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 29 जनवरी को रंजीता सिह की साहित्यिक संस्था कविकुंभ की ओर से 29 जनवरी को शब्दोत्सव का आयोजन किया जायेगा । इसमें प्रमुख लेखिकाओं और महिला पत्रकारों को स्वयंसिद्धा सम्मानों से सम्मानित किया जायेगा । इनमें शिखर सम्मान के लिए जयंती रंगनाथन व डाॅ कायनात काजी शामिल हैं तो सृजन सम्मान दिया जायेगा शुभा शर्मा को और नवसृजन सम्मान प्रदान किया जायेगा शोभा अक्षरा को । इनके अतिरिक्त जसबीर त्यागी, ज्योति शर्मा, निशांत कौशिक, संजीव कौशल , विमलेश त्रिपाठी और अन्य रचनाकार संवाद के लिए आमंत्रित हैं ।

इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈