सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम रचना पाठ गोष्ठी – अविराम यात्रा ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

🌹व्यंग्यम रचना पाठ गोष्ठी – अविराम यात्रा🌹

ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई जी की जन्मशती पर जबलपुर की ‘व्यंग्यम’ संस्था ने तय किया है कि इस बार साल भर चलने वालीं व्यंग्यम की मासिक रचना पाठ गोष्ठियां परसाई जी को समर्पित होंगी। परसाई जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से 42 साल पहले जबलपुर से व्यंग्यम पत्रिका निकलती थी, उस समय देश की एकमात्र पत्रिका, जो पूर्णतः व्यंग्य को समर्पित थी, व्यंग्यम की याद में व्यंग्य को केंद्र में रखकर 68 माह से लगातार व्यंग्यम गोष्ठियों का प्रति माह आयोजन होता है।

जय नगर स्थित जय प्रकाश पाण्डेय के निवास पर आयोजित अप्रैल (2023) माह की गोष्ठी में हरिशंकर परसाई के जन्मशती पर होने वाले आयोजन कर चर्चा हुई और सुझाव मांगे गए। प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार की अध्यक्षता में गोष्ठी प्रारंभ हुई, जिसमें नौ व्यंग्यकारों ने अपनी अपनी नवीनतम रचनाओं का पाठ किया। श्री विजय तिवारी किसलय जी ने “ईमानदारी और शराफत के ठहाके”, यशोवर्धन पाठक जी ने “होम करते हाथ जले”, ओपी सैनी जी ने “नेतागिरी” , जय प्रकाश पांडेय जी ने “निवास की महारानी की लंदन में अंग्रेजों से बातचीत”, अभिमन्यु जैन जीचलो दिलदार चलो” , राकेश सोहम जी ” महाशय !यह गीले आटे का आशय”,  दिनेश अवस्थी जी ने “कोढ़”, रमेश सैनी जी ने “रामलाल की चिंता” और डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने “कथा एक पुल के उद्घाटन की

गोष्ठी का संचालन रमेश सैनी और आभार प्रदर्शन जयप्रकाश पांडेय ने किया। इस अवसर पर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी अवसर पर एक आयोजन करने की योजना पर चर्चा की । गोष्ठी के अंत में दिल्ली के डाॅ राजेश कुमार एवं डॉ लालित्य ललित के सम्पादन में ज्ञानमुद्रा प्रकाशन से प्रकाशित “हमारे समय के धनुर्धरी व्यंग्यकार” पुस्तक वितरित की गई जिसमें रमेश सैनी, जय प्रकाश पाण्डेय,और राकेश सोहम की रचनाएं छपी है। ये प्रतियां भोपाल के ज्ञानमुद्रा प्रकाशन द्वारा डाक से भेजीं गईं थीं।

साभार –  श्री जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765  

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈