श्री राजेश कुमार सिंह ‘श्रेयस’

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्रेयस साहित्य # १३ ☆

☆ कथा-कहानी ☆ लघुतम कथा ~ लेखक की ताकत ~ ☆ श्री राजेश कुमार सिंह ‘श्रेयस’ ☆ 

रोहन ने अपनी आत्मकथा लिखते वक्त अपने जीवन के कई कड़वे सच लिख डाले थे। बड़े भाई हार्दिक के हक के एक प्लाट को हथियाने के लिए उसने क्या-क्या कारनामे किये, इसे भी उसने अपनी आत्मकथा के कथानक में शामिल कर लिया था। जिसके चलते पुस्तक हद से ज्यादा लोकप्रिय हुई। प्लाट की कीमत से कहीं ज्यादा रुपया उसकी झोली में आ गया। दूसरी तरफ उस पुस्तक में लिखें इस अंश, जिसे उसने अपने जीवन की सत्य घटना बता कर लिखा था, को आधार बनाकर उसके भाई हार्दिक ने उसके ऊपर मुकदमा कर दिया।

रोहन के बड़े भाई हार्दिक ने मुकदमा जीता तो वह विवादित प्लाट अब रोहन का न होकर दुबारा हार्दिक का हो गया। फैसला आने के दिन कोर्ट रूम के बाहर रोहन और हार्दिक गले मिलकर खूब रोए। रोहन का यह दांव सही जगह लगा। पुस्तक की रॉयलटी से मिली ढेर सारी रकम को पाकर रोहन की पत्नी साधना अलग खुश हो रही थी, वहीं बड़े भाई हार्दिक को उस प्लाट पर दुबारा कब्जा दिलाकर रोहन भी खूब गदगद था।

♥♥♥♥

© श्री राजेश कुमार सिंह “श्रेयस”

लखनऊ, उप्र, (भारत )

दिनांक 22-02-2025

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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